लोकसभा चुनाव 2019: जानें कर्नाटक की मांड्या सीट के बारे में, जहां रहती है कांग्रेस और जेडीएस की टक्कर
बेंगलुरु। कर्नाटक राज्य की मांड्या सीट हमेशा से ही कांग्रेस और जेडीएस के लिए प्रतिष्ठा का विषय रही है। यहां से इस समय जनता दल (सेक्युलर) यानी जेडीएस के एलआर शिवराम गौड़ा सांसद हैं। मई 2018 में यहां पर विधानसभा चुनाव हुए जिसमें कांग्रेस के सांसद रहे पुट्टाराजू को विधानसभा चुनावों में जीत हासिल हुई। जेडीएस के राजू ने जब साल 2014 में कांग्रेस की उम्मीदवार और अभिनेत्री राम्या को शिकस्त दी तो मांड्या जेडीएस के खाते में आ गया था।। मांड्या, लोकसभा का 28वां संसदीय क्षेत्र है। मांड्या के तहत मैसूर का भी कुछ हिस्सा आता है। मांडया बैंगलोर से करीब 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। मांडया पहले मैसूर के तहत आता था। का हिस्सा था। यह स्थान समुद्र तल से 2500-3000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।
कर्नाटक के लिए मांड्या का अहमियत
कर्नाटक के लिए मांड्या इसलिए भी सबसे अहम है क्योंकि इस जिले में राज्य की पांच अहम नदियां कावेरी, हेमवती, शिमाशा, लोकपावनी और वीरवैष्णवी बहती हैं। कावेरी नदी लेकिन यहां का अहम स्त्रोत है जिस पर कृष्णराज सागर बांध बना हुआ है। यह बांध यहां पर लोगों के पानी की जरूरतों को पूरा करता है। मांड्या जिले के लोगों का अहम व्यवसाय खेती है और यह जगह चीनी और धान की खेती के लिए मशहूर है। यहां चीनी की तीन बड़ी फैक्ट्री हैं। मांड्या में शिवनासमुद्र हाइड्रो इलेक्ट्रा प्लांट साल 1901 में लगाया गया था जो एशिया का पहला हाइड्रो प्लांट है। मांड्या न सिर्फ अपने राजनीति महत्व के लिए जाना जाता है बल्कि इसका एतिहासिक महत्व भी है। मांड्या से कुछ ही दूरी पर श्रीरंगपट्टनम है और यह जगह हैदर अली और उनके बेटे टीपू सुल्तान की राजधानी थी। इसके अलावा मांड्या से कुछ ही दूरी पर वृंदावन गार्डन है और 130 वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैले इस गार्डन को आप कई बॉलीवुड फिल्मों जैसे पड़ोसन में भी देख चुके हैं। वृंदावन गार्डन के एक तरफ जहां कृष्णराज सागर बांध है तो वहीं दूसरी आकर्षक फौव्वारा भी है। मांडया से करीब 60 किलोमीटर दूर स्थित शिवनासमुद्रा वॉटरफॉल जो भारत का दूसरा बड़ा वॉटर फॉल है।
कांग्रेस रही हमेशा हावी
मांड्या में आठ विधानसभा सीटें हैं। अक्टूबर 2018 में यहां पर हुए चुनावों में शिवराम गौड़ा ने बीजेपी के डीआर सिद्धारमैया को हराया था। गौड़ा को चुनावों में 5,69,347 वोट हासिल हुए तो सिद्धारमैया को 2,44,404 वोट्स ही हासिल हो सके थे। पिछले करीब छह वर्षों से मांड्या में कांग्रेस और जेडीएस के बीच टक्कर देखने को मिली है। साल 2013 में भी मांड्या लोकसभा सीट के लिए उपचुनाव हुए थे। दिलचस्प बात है कि उस समय कांग्रेस की उम्मीदवार राम्या ने सीएस पुट्टाराजू को हराया था। लेकिन जब साल 2014 में चुनाव हुए तो पुट्टाराजू ने अपनी सीट वपस हासिल कर ली।
साल 2013 में राम्या को 4,84,085 वोट मिले थे तो राजू को 4,16,474 वोट्स हासिल हुए। इसके बाद साल 2014 में जब दोनों के बीच आमना-सामना हुआ तो राजू को 5,24,370 वोट्स मिल तो राम्या को 5,18,852 वोट्स हासिल हुए। राजू दो बार कर्नाटक की पांडवापुरा से विधायक रह चुके थे। मांड्या कर्नाटक का ऐसा जिला है जहां पर कांग्रेस ने 12 बार जीत हासिल की है। मांड्या में कुल मतदाता 1,669,262 हैं इनमें से 8,039,8,039,52 पुरुष और 8,308,30,210 महिलाएं हैं। यहां की कुल आबादी 20,58,426 है जिसमें से 83.28 प्रतिशत आबादी गांवों में है तो 16.72 प्रतिशत आबादी शहरों रहती है। यहां पर चुनावों में कांग्रेस और जेडीएस के बीच कड़ा मुकाबला रहता है। अगर नतीजों की बात करें तो 56 प्रतिशत वोट्स कांग्रेस को तो 44 प्रतिशत वोट्स जेडीएस के खाते में गए थे।