लोकसभा चुनाव 2019: जूनागढ़ लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: गुजरात की जूनागढ़ लोकसभा सीट से सांसद राजेशभाई नारनभाई चूड़ासामा हैं। उन्होंने साल 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी पुंजा भाई वंश को 135, 832 वोटों के अंतर से हराया था। राजेशभाई चूड़ासामा को इस चुनाव में 513, 179 वोट मिले थे और कांग्रेस प्रत्याशी को 377, 347 वोटों पर संतोष करना पड़ा था। आप प्रत्याशी को इस सीट पर 116, 74 वोट मिले थे और वो तीसरे स्थान पर रहे। साल 2014 के चुनाव में यहां पर कुल मतदाताओं की उपस्थिति 14,85,543 थी, जिसमें से मात्र 9,41,378 लोगों ने अपने मतों का प्रयोग यहां पर किया था, जिसमें पुरुषों की संख्या 5,16,158 और महिलाओं की संख्या 4,25,220 थी।
जूनागढ़ लोकसभा सीट का इतिहास
जूनागढ़ संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत विधानसभा की 7 सीटें आती हैं। साल 1952 से लेकर अब तक इस सीट से कांग्रेस के अलावा स्वतंत्र पार्टी, जनता दल और बीजेपी जीते हैं। पहले आम चुनाव से लेकर साल 1962 तक यहां पर कांग्रेस का राज रहा तो 1967 का चुनाव यहां स्वंतत्र पार्टी ने जीता तो 1971 में यहां कांग्रेस की सत्ता रही तो साल 1977 का चुनाव BLD ने जीता, 1980-84 में यहां कांग्रेस जीती तो वहीं 1989 का चुनाव यहां जनता दल ने जीता, साल 1991 के चुनाव में यहां पहली बार भाजपा जीती और तब से लेकर साल 1999 तक यहां पर भाजपा का ही राज रहा और भावना चिखलिया लगातार चार बार यहां से जीतकर लोकसभा पहुंची। साल 2004 के चुनाव में लंबे वक्त बाद यहां कांग्रेस की वापसी हुई लेकिन साल 2009 के चुनाव में भाजपा ने अपनी हार का बदला उससे यहां ले लिया और तब से लेकर अब तक उसी का राज यहां पर है, साल 2014 के चुनाव में यहां के सांसद की सीट पर राजेशभाई नारनभाई चूड़ासामा विराजमान हुए।
जूनागढ़, एक परिचय, प्रमुख बातें-
गुजरात राज्य का जूनागढ शहर गिरनार पहाड़ियों की गोद में बसा हुआ है। गुजराती भाषा में जूनागढ़ का अर्थ होता है प्राचीन किला। यहां पर कई वंशों ने शासन किया। यहां समय-समय पर हिंदू, बौद्ध, जैन और मुस्लिम, इन चार प्रमुख धर्मों का प्रभाव रहा है। विभिन्न राजनीतिक और धार्मिक शाक्तियों के समन्वय के कारण जूनागढ़ बहुमूल्य संस्कृति का धनी रहा है। जूनागढ़ के प्रमुख कृषि उत्पादों में मुंगफली, कपास, ज्वार-बाजरा, दलहन, तिलहन और गन्ना शामिल हैं। वेरावल और पोरबंदर यहां के प्रमुख बंदरगाह हैं और यहां मछली पकड़ने का काम भी होता है। यहां की कुल आबादी 21,55,034 है, जिसमें से 64 प्रतिशत लोग गांवों में, 35 प्रतिशत लोग शहरों में निवास करते हैं, यहां 8. 94 प्रतिशत लोग अनुसूचित और 1.71 प्रतिशत लोग अनुसूचित वर्ग के हैं।
राजेशभाई नारनभाई चूड़ासामा का लोकसभा में प्रदर्शन
राजेशभाई नारनभाई चूड़ासामा लोकसभा चुनाव में राज्य के सबसे कम उम्र के प्रतियोगी थे। सिर्फ 32 वर्ष की आयु में उन्होंने लोकसभा चुनावों में मंगरौल से चुनाव लड़ा था। राजेश नारनभाई चुडासमा ने वाणिज्य में स्नातक की डिग्री हासिल की है। दिसबंर 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 5 सालों के दौरान लोकसभा में उनकी उपस्थिति 72 प्रतिशत थी, इस दौरान उन्होंने 5 डिबेट में हिस्सा लिया और 495 प्रश्न पूछे हैं।
जूनागढ़ भाजपा की अहम सीटों में से एक हैं, जहां से भाजपा को हराना आसान नहीं है, लेकिन तब से आज के सियासी हालात बदले हुए हैं, गुजरात विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन काफी बेहतर रहा है, जिसकी वजह से कांग्रेस के अंदर जोश और आत्मविश्वास की वापसी हुई है और इस वजह से ही वो इस सीट को जीतने का हर संभव प्रयास करेगी तो वहीं भाजपा की पूरी कोशिश इस सीट पर अपनी जीत को बचा कर रखने की होगी, देखते हैं जीत और हार के इस खेल में बाजी किसके हाथ लगती और कौन बनता है यहां का सिकंदर।