लोकसभा चुनाव 2019: धार लोकसभा सीट के बारे में जानिए
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश की धार लोकसभा सीट से सांसद भाजपा की सावित्री ठाकुर हैं। साल 2014 के चुनाव में इस सीट पर भाजपा ने सारे रिकॉर्डों को ध्वस्त करते हुए अब तक के इतिहास की सबसे बड़ी जीत हासिल की थी। इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी सावित्री ठाकुर ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस नेता उमंग सिंघार को 1 लाख 4 हजार 328 मतों से शिकस्त दी है। साल 2014 के चुनाव में यहां नंबर 2 पर कांग्रेस और नंबर तीन पर बीएसपी थी। उस साल यहां पर कुल वोटरों की संख्या 16 लाख 68 हजार 441 थी, जिसमें से मात्र 10 लाख 76 हजार 816 मतदाताओं ने यहां अपने मतों का प्रयोग किया था, जिनमें पुरुषों की संख्या 5,86,865 और महिलाओं की संख्या 4,89,951 थी।
धार लोकसभा सीट का इतिहास
धार लोकसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। ये सीट इस मामले में भी दिलचस्प है कि एक समय ये जनसंघ का गढ़ थी लेकिन जब जनसंघ का विलय जनता पार्टी में हुआ तो 1977 में यहां भारतीय लोक दल की जीत हुई लेकिन 1980, 1984, 1989 और 1991 में यहां पर कांग्रेस का परचम लहराया। वहीं 1996 में भाजपा ने यहां पहली बार जीत का स्वाद चखा और छतर सिंह दरबार यहां से सांसद बने। 2 साल बाद हुए लोकसभा चुनाव में फिर कांग्रेस मज़बूती से उभरी और कांग्रेस प्रत्याशी गजेन्द्र सिंह राजुखेदी ने यहां जीत दर्ज की, इसके बाद 1999 में एक बार फिर गजेन्द्र सिंह ने यहां जीत दर्ज की। साल 2004 में जहां भाजपा को देश में हार का सामना करना पड़ा था वहीं धार में छतर सिंह ने भाजपा का परचम लहरा दिया था लेकिन गजेन्द्र सिंह राजुखेदी ने यहां एक बार फिर से 2009 में कांग्रेस को जीत दिलाई लेकिन साल 2014 के चुनाव में यहां से भाजपा की सावित्री ठाकुर ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की।
सावित्री ठाकुर का लोकसभा में प्रदर्शन
दिसंबर 2018 की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 5 सालों के दौरान लोकसभा में सावित्री ठाकुर की उपस्थिति 92 प्रतिशत रही है तो वहीं इस दौरान इन्होंने 13 डिबेट में हिस्सा लिया है और मात्र 70 प्रश्न पूछे हैं।
धार लोकसभा सीट, परिचय प्रमुख बातें-
ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण धार नगरी की स्थापना परमार राजा भोज ने की थी। बेरन पहाड़ियों से घिरे इस शहर को झीलों और हरे-भरे वृक्षों ने आच्छादित कर रखा है। एक जमाने में मालवा की राजधानी रहा यह शहर धार किला और भोजशाला मंदिरों के कारण पूरे देश में लोकप्रिय है। 1857 स्वतंत्रता की लड़ाई में भी धार महत्वपूर्ण केंद्र था। धार शहर की कुल आबादी 25,47,730 है, जिसमें से 78 प्रतिशत जनसंख्या यहां गांवों मे रहती है जबकि 21 प्रतिशत आबादी शहरों में निवास करती है। धार की 93 प्रतिशत जनसंख्या हिंदू धर्म में और 5 प्रतिशत लोग इस्लाम धर्म में भरोसा रखते हैं।
धार सीट के बारे में कहा जाता है कि यहां चुनाव देश के मुद्दों से ज़्यादा लोकल मुद्दों पर लड़ा जाता है और जनता लोकप्रिय चेहरों को ही वोट देती है, ऐसे में भाजपा की वापसी यहां इस बात पर निर्भर करेगी की सावित्री ठाकुर के कामों से धार की जनता कितनी खुश है और विकास के नाम पर वोट मांगने वाली बीजेपी ने कितना यहां विकास कार्य किया है तो वहीं विधानसभा चुनावों के नतीजों से बेहद खुश और आत्मविश्वास से भरी कांग्रेस की पूरी कोशिश इस बार अपने हार का बदला लेने की होगी, कुल मिलाकर कांग्रेस और भाजपा दोनों के बीच में क़रीबी मुक़ाबला होने की उम्मीद है।