प्रयागराज से वाराणसी की तीन दिन की गंगा यात्रा पर निकलीं प्रियंका गांधी, तस्वीरें
प्रयागराज। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने सोमवार से 'गंगा यात्रा' शुरू की। उनकी ये यात्रा उत्तर प्रदेश के शहर प्रयागराज से शुरू होकर वाराणसी तक जाएगी। तीन दिन तक चलने वाली इस 'गंगा यात्रा' में प्रियंका गांधी स्टीमर बोट के जरिए 140 किलोमीटर की यात्रा करेंगी।
रविवार रात ही पहुंच गई थीं प्रयाराज
प्रियंका गांधी अपनी गंगा यात्रा के लिए विवार की रात में ही प्रयागराज पहुंच गई थीं। रात में वह अपनी दादी, पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के घर स्वराज भवन में रूकीं। सुबह 9.30 बजे प्रियंका गंगा यात्रा के लिए स्वराज भवन से निकलीं। प्रियंका गांधी ने पहले संगम के बड़े हनुमान मंदिर में आरती की। इसके बाद उन्होंने किला स्थित अक्षयवट और सरस्वती कूप का दर्शन किया फिर संगम पहुंचीं। संगम क्षेत्र में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष राज बब्बर के साथ विधायक अराधना मिश्रा तथा अन्य नेता मौजूद थे।
जगह-जगह लोगों से मिल रहीं प्रियंका
कांग्रेस की ओर से जानकारी दी गई है कि अपनी यात्रा के दौरान प्रियंका दुमदुमा, सिरसा, लाक्षागृह, महेवा, कौंधियारा में लोगों से मिलेंगी और बातचीत करेंगी। प्रयागराज से वाराणसी का दौरा करते समय स्टीमर से गंगा नदी के तट पर बसे कई गांवों में जाएंगी, वहां बालू श्रमिकों, मछुआरों के साथ बुनकरों व कृषकों से भी मिलेंगी।
कांग्रेस के सबसे पुराने गढ़ में संजीवनी फूंकने पहुंची प्रियंका
प्रियंका ने जब दादी इंदिरा के बारे में पूछा
इंदिरा गांधी बड़े हनुमान जी मंदिर में पूजा-अर्चना की। जब प्रियंका ने अपनी दादी इंदिरा गांधी कि तस्वीर को मंदिर कार्यालय में देखा तो पूंछा दादी कब आयी थीं, इस पर मंदिर के महाराज जी ने उनको बताया कि कब उनकी दादी यहां दर्शन के लिए आई थीं।
यात्रा से पहले लिखा खत
यात्रा शुरू करने से एक दिन पहले प्रियंका गांधी ने यूपी की जनता के नाम एक खुला खत भी लिखा है। जिसमें उन्होंने कहा, गंगाजी उत्तर प्रदेश का सहारा हैं और मैं भी गंगाजी के सहारे हूं। गंगाजी के सहारे ही आप लोगों के बीच पहुंचूंगी। आपकी बात सुने बिना परिवर्तन नहीं हो सकता है, इसलिए मैं आपके द्वार पहुंच रही हूं।
'गंगाजी का सहारा'
अपने खत में प्रियंका गांधी ने गंगा को सच्चाई और समानता का प्रतीक बताते हुए कहा कि वह किसी से भेदभाव नहीं करतीं इसलिए मैं गंगाजी का सहारा लेकर भी आपके बीच पहुंचूंगूी।