PM मोदी की ट्रेनी IPS अधिकारियों से की बातचीत, बोले- आपकी पढ़ाई देश के काम आएगी
नई दिल्ली, 31 जुलाई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज (शनिवार) सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में ट्रेनिंग ले रहे नए भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) अधिकारियों से बातचीत की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हो हुई इस चर्चा में पीएम मोदी ने आईपीएस प्रशिक्षुओं से उनके अनुभव के बारे में पूछा साथ ही आने वाले भविष्य में उनकी योजनाओं के बार में जानकारी ली। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि अधिकारियों की पढ़ाई देश के काम है, पुलिस अधिकारी अगर अपने फिटनेस को मजबूत करेंगे तो समाज भी बेहतर होगा।
पीएम मोदी ने आगे कहा, '1930 से 1947 के बीच देश में जो ज्वार उठा, जिस तरह देश के युवा आगे बढ़कर आए, एक लक्ष्य के लिए एकजुट होकर पूरी युवा पीढ़ी जुट गई, आज वही मनोभाव आपके भीतर अपेक्षित है। उस समय देश के लोग स्वराज्य के लिए लड़े थे। आज आपको सुराज्य के लिए आगे बढ़ना है।' उन्होंने आगे कहा, आप एक ऐसे समय पर करियर शुरु कर रहे हैं, जब भारत हर क्षेत्र, हर स्तर पर परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। आपके करियर के आने वाले 25 साल, भारत के विकास के भी सबसे अहम 25 साल होने वाले हैं। इसलिए आपकी तैयारी, आपकी मनोदशा, इसी बड़े लक्ष्य के अनुकूल होनी चाहिए।
Delhi | Prime Minister Narendra Modi interacts virtually with Indian Police Service (IPS) probationers from the Sardar Vallabhbhai Patel National Police Academy pic.twitter.com/gzcFadJt26
— ANI (@ANI) July 31, 2021
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वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर हो रही बातचीत के दौरान पीएम मोदी ने कई ट्रेनी अफसरों से व्यक्तिगत तौर पर वार्ता की। पीएम मोदी ने कहा, 'आपकी सेवाएं देश के अलग-अलग जिलों में होगी, शहरों में होगी। इसलिए आपको एक मंत्र याद रखना है। फील्ड में रहते हुए आप जो भी फैसले लें, उसमें देशहित होना चाहिए, राष्ट्रीय परिपेक्ष्य होना चाहिए। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में हमारे पुलिसकर्मियों ने, देशवासियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया है। इस प्रयास में कई पुलिस कर्मियों को अपने प्राणों ही आहूति तक देनी पड़ी है। मैं उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं और देश की तरफ से उनके परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट करता हूं।'
पीएम मोदी ने आगे कहा, 'भूटान हो, नेपाल हो, मालदीव हो, मॉरीशस हो, हम सभी सिर्फ पड़ोसी ही नहीं हैं, बल्कि हमारी सोच और सामाजिक तानेबाने में भी बहुत समानता है। हम सभी सुख-दुख के साथी हैं। जब भी कोई आपदा आती है, विपत्ति आती है, तो सबसे पहले हम ही एक दूसरे की मदद करते हैं। पिछले 75 वर्षों में, भारत ने एक बेहतर पुलिस सेवा बनाने की कोशिश की है। पुलिस प्रशिक्षण से जुड़े बुनियादी ढांचे में भी हाल के वर्षों में काफी सुधार हुआ है।'