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जाते जाते नरेंद्र मोदी का नाम लेने से कतराये मनमोहन सिंह
5 कारण जिनकी वजह से मनमोहन सिंह नहीं हुए मन-मोहन
अपनी विदाई के वक्त उन्होंने देश को सम्बोधित किया। आज उनके शब्दों में भावुकता नहीं, उम्मीद थी। आवाज़ में अफसोस नहीं, मज़बूती थी। उन्होंने नई सरकार को शुभकामनाएं देते हुए देश की तरक्की की उम्मीद जताई।
लगभग पंद्रह मिनट के भाषण में उन्होंने अपने कार्यकाल का संक्षिप्त अनुभव बयां किया और ये मुख्य बातें कहीं -
- देश के प्रधानमंत्री पद रहते हुए मुझे बहुत मिला, अब मैं कुछ और नहीं मांगूंगा।
- कार्यालय छोड़ने के बाद यहां की यादें हमेशा मेरे साथ रहेंगी।
- देश के अच्छे और कठिन वक्त में मुझे देशहित में फैसले करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
- मुझे विश्वास है कि नवोदित प्रधानमंत्री देश को तरक्की की नई राह पर ले जाएंगे।
- मेरा उद्देश्य देश सेवा था, है और रहेगा। मैं हमेशा अपने राष्ट्र के लिए समर्पित रहूंगा।
- मैं नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करता हूं। जनता देश हित की उम्मीद के साथ अपने नेता चुनती है।
- मुझे पूरी उम्मीद है कि भारत आने वाले वक्त में नए नेतृत्व के दम पर महाशक्ति बनकर उभरेगा।
- मैं शुक्रगुज़ार हूं कि प्रधानमंत्री के तौर पर मुझे देश ने 10 साल दिए।
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English summary
Prime Minister Manmohan Singh has addressed the nation just before resignation on May 17th. Here are the key points of his speech.
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