Presidential Elections:जब राष्ट्रपति पद के लिए मुलायम सिंह ने एनडीए सरकार की मुश्किल घड़ी में दिया था साथ
Presidential Elections:जब राष्ट्रपति पद के लिए मुलायम सिंह यादव ने सरकार की मुश्किल घड़ी में दिया था साथ
नई दिल्ली, 10 जून: देश को जल्द ही रामनाथ कोविंद की जगह नया राष्ट्रपति मिलने वाला है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल जुलाई में खत्म होने वाला है। इस तारीख से पहले देश को नया राष्ट्रपति निर्धारित तारीख को मिल जाए इसके लिए गुरुवार को चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति चुनाव की तारीख मुकर्रर कर दी है। जिसके बाद राष्ट्रपति चुनाव में मोदी सरकार की ओर से किसका नाम प्रस्तावित किया जाएगा इसको लेकर जमकर कयास लगाए जा रहे हैं। वहीं विपक्षी पार्टियां किसे देश का अगला राष्ट्रपति बनाना चाहती हैं इसका भी अभी खुलासा नहीं हुआ है। राष्ट्रपति चुनाव, जिसमें राष्ट्रपति के चेहरे को लेकर हमेशा विपक्षी और सत्ता पक्ष आमने-सामने होते हैं लेकिन ऐसा भी एक बार हो चुका है जब देश की दो धुर विरोधी पार्टियां इस मुद्दे पर एक मत हो गई थी और एक दूसरे का समर्थन करते हुए देश का प्रतिनिधित्व एक बेहतरीन राष्ट्रपति को दिलवाया था।
पार्टियों ने मिलकर दिया था देश को सर्वोच्च नागरिक
उस समय जब तत्कालीन एनडीए सरकार के तत्तकालीनी प्रधानमंत्रीअटल बिहारी बाजपेयी और विपक्षी समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव जब एक मत हुए तो देश को अब तक का सर्वक्षेष्ठ सर्वोच्च नागरिक मिला वो थे "मिशाइल मैन" के नाम से जाने जाने वाले डॉ अब्दुल कलाम थे। जानिए राष्ट्रपति चुनाव से जुड़ा बड़ा ही रोचक किस्सा।
एनडीए के लिए बहुत ही मुश्किल घड़ी थी
बात है वर्ष 2002 की जब तत्कालीन राष्ट्रपति के आर नारायणन का कार्यकाल समाप्त होने वाला था और अटल बिहारी की एनडीए सरकार के पास इतना बहुमत नहीं था कि वो अपनी पसंद का राष्ट्रपति बनवा पाते। ये अटल बिहारी और एनडीए के लिए बहुत ही मुश्किल घड़ी थी लेकिन तब मुलायम सिंह ने विपक्षी पार्टी में होते हुए भाजपा की इस मुद्दें पर साथ दिया था।
President Election 2022: क्या आरिफ मोहम्मद खान पीएम मोदी के दूसरे "कलाम" होंगे?
"कलाम" का नाम लेकर किया था "कमाल"
एनडीए की इस कठिन परीक्षा की घड़ी में सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने राष्ट्रपति पद के लिए डॉ अब्दुल कलाम का नाम आगे कर दिया था और वाजपेयी सरकार ने इस प्रस्ताव का समर्थन कर दिया था।
President Election 2022:जानिए कैसे होता है राष्ट्रपति चुनाव, कौन देता है वोट?
विपक्षी पार्टी कांग्रेस के लिए मुसीबत खड़ी कर दी
कलाम का नाम प्रस्तावित कर मुलायम सिंह यादव ने विपक्षी पार्टी कांग्रेस के लिए मुसीबत खड़ी कर दी थी। चूंकि कांग्रेस डॉ कलाम जैसे मुस्लिम उम्मीदवार की दावेदारी को खारिज करने का खतरा उठा नहीं सकती थी इसलिए कांग्रेस ही नहीं वामदलों के साथ अन्य सभी पार्टियां डॉ अब्दुल कलाम के नाम पर एक मत हो गई थी और राष्ट्रपति पद के लिए कलाम की दावेदारी का सपोर्ट कर दिया।
2002 में बनी गई एक नज़ीर
डॉ कलाम जब 2002 में राष्ट्रपति पद के दावेदार बनें तो सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी, सपा और कांग्रेस समेत सभी विपक्षी पार्टियों ने समर्थन किया और जो एक नज़ीर बन गया।
डॉ कलाम का मुलायम और अटल बिहारी से था ये खास रिश्ता
बता दें मुलायम केंद्र में रक्षा मंत्री थे, तब कलाम उनके वैज्ञानिक सलाहकार भी थे और कलाम पर लिखी एक पुस्तक के अनुसार मिशाइल मैन उस दौरान कभी कभी मुलायम से हिंदी सीखा करते थे। इस बात का जिक्र डॉ कलाम के प्रेस सचिव एस एम खान द्वारा लिखी गई किताब 'द पीपल्स प्रेजिडेंट: एपीजे अब्दुल कलाम'में है। वहीं अटल बिहारी और डॉ कलाम के बीच जुड़ाव की बात की जाए तो वर्ष 1992 से लेकर 1999 तक डॉ एपीजे अब्दुल कलाम रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार। ये वहीं समय था जब तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने कलाम साहब के प्रतिनिधित्व में पोखरण में परमाणु परीक्षण हुआ और भारत ने परमाणु क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित किया था।