कारगिल विजय दिवस में भाग लेने सोमवार को द्रास जाएंगे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, CDS बिपिन रावत भी रहेंगे साथ
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने सेना के जवानों के साथ कारगिल युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को द्रास के पोलो ग्राउंड में दीप जलाकर श्रद्धांजलि दी।
नई दिल्ली, 25 जुलाई। राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद कारगिल विजय दिवस की 22वीं वर्षगांठ पर सोमवार को कारगिल युद्ध स्मारक पर 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों के अदम्य साहस और बलिदान को श्रद्धांजलि देने के लिए द्रास जाएंगे। साल 2019 में खराब मौसम के कारण राष्ट्रपति कोविंद कारगिल विजय दिवस में भाग लेने द्रास नहीं जा सके थे। द्रास जाने के स्थान पर उन्होंने श्रीनगर के बादामीबाग में सेना के 15 कोर मुख्यालय में एक युद्ध स्मारक पर माल्यार्पण कर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की थी।
बता दें कि चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने आज सेना के जवानों के साथ कारगिल युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को द्रास के पोलो ग्राउंड में दीप जलाकर श्रद्धांजलि दी। इसके अलावा जनरल बिपिन रावत ने कारगिल विजय दिवस की पूर्व संध्या पर कारगिल जिले के द्रास सेक्टर में नियंत्रण रेखा के लंबे इलाकों का दौरा किया और मौजूदा स्थिति की समीक्षा की।
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भारतीय सेना ने रविवार को ट्विटर पर कहा, 'जनरल बिपिन रावत ने नियंत्रण रेखा के साथ द्रास सेक्टर का दौरा किया और मौजूदा सुरक्षा स्थिति और परिचालन तैयारियों की समीक्षा की।' ट्वीट में आगे कहा गया कि, 'सीडीएस रावत ने सैनिकों से भी बातचीत की और उनके उच्च मनोबल के लिए उनकी सराहना की और उन्हें दृढ़ रहने का आह्वान किया।
इस बार खास है कारगिल विजय दिवस: इस बार कारगिल विजय दिवस खास है। इस बार राष्ट्रपति एवं सशस्त्र सेनाओं के प्रमुख राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद कारगिल पहुंच रहे हैं। इस बार 1999 के कारगिल युद्ध के साथ ही वर्ष 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के शहीदों को श्रद्धांजलि देने और इस ऐतिहासिक युद्ध में शामिल रहे जीत के नायकों को सम्मानित करने की तैयारी है।