नेशनल हेराल्ड ने छापा मध्य प्रदेश चुनाव का Pre Poll Survey, बीजेपी को बहुमत
नई दिल्ली। कांग्रेस के मुखपत्र नेशनल हेराल्ड में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 से जुड़ा सर्वे छापा गया है। तमिलनाडु के स्पिक मीडिया नेटवर्क के सर्वे में दावा किया गया है कि मध्य प्रदेश में कांग्रेस-बसपा साथ लड़ते हैं तो बीजेपी को टक्कर दे सकेंगे, वरना शिवराज सिंह चौहान चौथी बार भी सरकार बना लेंगे। सर्वे रिपोर्ट में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव का जो पहला संभावित सीटों का आंकड़ा सामने आया है, उसमें बीजेपी को 147 सीटों के साथ बड़ी जीत मिलती दिख रही है। सर्वे रिपोर्ट के अनुसार बीजेपी को यह बंपर जीत तभी मिलेगी जब कांग्रेस-बसपा अलग-अलग चुनाव लड़ें। हां, अगर कांग्रेस और बसपा साथ मिलकर चुनाव लड़ते हैं तो स्थिति बीजेपी के लिए थोड़ी मुश्किल हो सकती है। लेकिन बहुमत के पार वह तब भी आसानी से पहुंच जाएगी।
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस-बसपा साथ आए तो भी बीजेपी को पूर्ण बहुमत
स्पिक मीडिया नेटवर्क सर्वे में सामने आया है कि अगर कांग्रेस-बसपा साथ मिलकर चुनाव लड़ते हैं तो बीजेपी को 126 सीटें मिलेगी। 230 सदस्यों वाली मध्य प्रदेश विधानसभा में यह आंकड़ा भी बीजेपी को बहुमत के पार ले जाएगी। कांग्रेस-बसपा अगर साथ लड़ते हैं तो इनकी सीटों की संख्या 103 तक जा सकती है। सर्वे के मुताबिक, अगर कांग्रेस-बसपा अलग-अलग लड़ते हैं तो बीजेपी को 147, कांग्रेस को 73 और बसपा को 9 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है।
कांग्रेस-बसपा साथ आए तो बीजेपी को होगा 10 लोकसभा सीटों का नुकसान
स्पिक मीडिया नेटवर्क के इस सर्वे में 2019 लोकसभा चुनाव को लेकर भी अनुमान लगाया है। सर्वे के मुताबिक, कांग्रेस-बसपा अगर मिलकर अगला लोकसभा चुनाव लड़ते हैं तो बीजेपी को कम से कम 10 सीटों का नुकसान होगा। राज्य की 29 लोकसभा सीटों में इस समय 26 बीजेपी के पास हैं। 2019 में अगर कांग्रेस-बसपा साथ लड़े तो बीजेपी को 16 सीटों पर जीत से ही संतोष करना पड़ेगा।
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2003 विधानसभा चुनाव के ये आंकड़े चौंकाने वाले हैं
मध्य प्रदेश में 2003 विधानसभा चुनाव के आंकड़ों पर गौर करें तो साफ हो जाता है कि अगर कांग्रेस-बसपा साथ चुनाव लड़ते हैं तो ही वे बीजेपी को टक्कर दे सकते हैं। 2003 में कांग्रेस 38 सीटें जीत सकी थी, जबकि बसपा मात्र 2 सीटें जीत पाई थी। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि 2003 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 25 सीटें सिर्फ बसपा की वजह से हार गई थी। कुछ ऐसा ही बसपा के साथ भी हुआ था। इसी चुनाव में बसपा 14 सीटों पर सिर्फ इसलिए हार गई थी, क्योंकि कांग्रेस के साथ वोट बंट गए थे। अगर इन दोनों पार्टियों के नुकसान को जोड़ा जाए तो 25+14=39, ये वो सीटें हैं, जो दोनों दल अलग-अलग लड़ने की वजह से हार गए थे। बसपा मध्य प्रदेश में कोई बहुत बड़ी ताकत भले न हो, लेकिन हर चुनाव में वह 5 से 7 प्रतिशत वोट जरूर पाती है। अगर 2003 में बसपा और कांग्रेस ने साथ में चुनाव में लड़ा होता तो कम से कम 79 सीटें तो इन्हें मिल ही जातीं।