प्रशांत किशोर ने शिवसेना को दिया पीएम पद का नया उम्मीदवार, बोले एनडीए में बने रहने में है फायदा
नई दिल्ली: जनता दल यूनाइटेड(जेडीयू) के महासचिव प्रशांत किशोर ने मंगलवार को मुंबई में शिवसेना के नेताओं के साथ मुलाकात की। उन्होंने इस मुलाकात में ना सिर्फ सिर्फ भाजपा के साथ आगामी लोकसभा चुनाव में गठबंधन को जारी रखने पर जोर दिया बल्कि चुनावों में रणनीतिकार के तौर पर अपनी सेवा देने का प्रस्ताव दिया। इसके अलावा उन्होंने नीतीश कुमार का नाम प्रधानमंत्री की संभावित रेस में बताकर चौंका दिया। शिवसेना के अंदरुनी नेताओं के मुताबिक उन्होंने कहा कि लोकसभा में किसी को बहुमत ना मिलने पर पर नीतीश कुमार का नाम पीएम के उम्मीदवार के तौर पर आ सकता है।
नीतीश कुमार को मिल सकता है क्षेत्रीय पार्टियों का समर्थन
लोकसभा चुनावों का विश्लेषण और चुनाव बाद के परिदृश्य पर प्रशांत किशोर ने शिवसेना के नेताओं से कहा," किसी को बहुमत ना मिलने और त्रिशंकु लोकसभा की स्थिति में भाजपा को सरकार बनाने में कठिनाई होगी। ऐसे में 100 से ज्यादा क्षेत्रीय पार्टियों के सांसद जो गैर एनडीए गठबंधन में हैं, वो अपना समर्थन नीतीश कुमार जैसे किसी नेता को गैर कांग्रसी सरकार बनाने के लिए दे सकते हैं"। सूत्रों के अनुसार किशोर ने वाईएसआर कांग्रेस, तेलंगाना राष्ट्र समिति,बीजू जनता दल और एआईएडीएमके जैसी पार्टियों का नाम लिया जो नीतीश कुमार को सपोर्ट कर सकती है। उद्धव ठाकरे के अलावा प्रशांत किशोर ने शिवसेना के सीनियर नेताओं, जिसमें आदित्य ठाकरे और संजय राउत हैं, उनसे मुलाकात की।
संजय राउत- प्रशांत ने अपना मत रखा
शिवसेना के सांसद संजय राउत से इकोनॉमिक्स टाइम्स ने जब बुधवार को सवाल पूछा कि किशोर से आपकी क्या बातचीत हुई? उन्होंने कहा कि शिवसेना के नेताओं से बातचीत में उन्होंने चुनाव की तैयारियों में अपनी सेवा देने का प्रस्ताव दिया। इसके अलावा उन्होंने चुनाव के उभरते परिदृश्य का विश्लेषण और चुनाव बाद सरकार बनने की संभावनाओं पर अपना मत रखा। गौरतलब है कि जेडीयू के नेता केसी त्यागी ने मीडिया से इस मुलाकात पर कहा कि इससे एनडीए गठबंधन को और ज्यादा मजबूती मिलेगी। हालांकि शिवसेना नेतृत्व को चुनावी रणनीति का प्रस्ताव देने के साथ ये भी बताया कि वो आंध्र में वाईएसआर कांग्रेस को लोकसभा चुनाव की तैयारियों में मदद कर रहे हैं।
प्रशांत किशोर को शिवसेना से अभी नहीं सौंपी जिम्मेदारी
शिवसेना नेतृत्व नें प्रशांत किशोर को अभी जिम्मेदारी सौंपने पर हां नहीं की है। शिवसेना के कुछ नेताओं का मानना है कि पार्टी के पास अभी ठाकरे नेतृत्व, संगठनात्मक मशीनरी और कैडर हैं जो किसी भी चुनाव में अच्छी संख्या में सीटें जीतने में सक्षम हैं।