Pradyuman murder Case: जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने आरोपी छात्र को दिया झटका, जल्द फैसला न देने की याचिका खारिज
नई दिल्ली। गुरुग्राम के रायन इंटरनेशनल स्कूल में हुए छात्र प्रद्युम्न ठाकुर के मर्डर केस के मामले मे जुवेनाइल जस्टिव बोर्ड ने नाबालिग आरोपी (स्कूल के ही 11वीं के छात्र) को झटका दिया है। आरोपी जुवेनाइल की तरफ से याचिका लगाई गयी थी कि बोर्ड उसे बालिग की तरह केस चलाने वाले याचिका पर जल्द फैसला न दे। जिसे बोर्ड ने खारिज कर दिया है। इसके साथ ही आरोपी जुवेनाइल ने बोर्ड के सामने जमानत याचिका भी लगाई थी, जिस पर सीबीआई को नोटिस जारी हुआ है। याचिका में आरोपी ने कहा था कि सीबीआई के चार्जशीट दायर करने तक उसके खिलाफ नाबालिग की तरह केस चले।
इसके साथ ही जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने सीबीआई को आरोपी छात्र का फिंगर प्रिंट लेने की इजाजत दे दी है। 19 दिसंबर को सीबीआई बाल सुधार गृह जाकर आरोपी के परिजनों और वकील के सामने फिंगर प्रिंट लेगी। आरोपी द्वारा लगाई गई जमानत याचिका पर बोर्ड ने सीबीआई को नोटिस जारी किया है। सीबीआई को 15 दिसंबर को इस संदर्भ में अपना जवाब दाखिल करना है। इसी दिन जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड यह फैसला करेगा कि आरोपी छात्र को जमानत दी जाए या नहीं। इसके साथ ही उसके खिलाफ केस बालिग मानकर चलाया जाए या नाबालिग। मृतक प्रदुमन के पिता ने बोर्ड के सामने याचिका लगाई थी।
आपको बता दें कि यान इंटरनेशनल स्कूल में 8 सितंबर को 7 साल के बच्चे का मर्डर कर दिया गया था। बॉडी टॉयलेट में मिली थी। इस मामले में पुलिस ने स्कूल बस के कंडक्टर अशोक कुमार को अरेस्ट किया था। आरोपी 8 महीने पहले ही स्कूल में कंडक्टर की नौकरी पर लगा था। इसके बाद जांच सीबीआई के पास चली गई थी। सीबीआई ने हरियाणा पुलिस की थ्योरी को बदलते हुए 11वीं के स्टूडेंट को इस मर्डर केस में आरोपी बनाया। सीबीआई ने खुलासा किया था कि 11वीं कक्षा के छात्र ने प्रद्युम्न की हत्या इसलिए की थी क्योंकि वह पीटीएम और एग्जाम टालना चाहता था।