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डेटा संरक्षण समिति के खाली पदों पर नवनियुक्त लोकसभा अध्यक्ष पीपी चौधरी ने की नए चेहरों की नियुक्ति

लोकसभा में बुधवार को नवनियुक्त अध्यक्ष पीपी चौधरी ने डेटा संरक्षण के लिए संयुक्त समिति में रिक्त पदों पर नए नामों की घोषणा की गई।

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नई दिल्ली, 4 अगस्त। लोकसभा में बुधवार को नवनियुक्त अध्यक्ष पीपी चौधरी ने डेटा संरक्षण के लिए संयुक्त समिति में रिक्त पदों पर नए नामों की घोषणा की गई। इसमें सात पद खाली पड़े थे, जिसमें से 5 पद हाल ही में कैबिनेट में हुए फेरबदल के बाद खाली हुए थे। इसमें से एक सांसद ने समिति से इस्तीफा दे दिया था, जबकि एक अन्य रिटायर हो गए थे। इस्तीफा देने वालों में डीएमके नेता कनीमोझी, बीजेपी नेता मीनाक्षी लेखी, बीजेपी नेता अश्विनी वैष्णव, बीजेपी नेता, अजय भट्ट, भूपेंद्र यादव और राजीव चंद्रशेखर शामिल हैं। हाल ही में कैबिनेट में हुए फेरबदल के बाद मंत्री बनाए जाने के बाद मीनाक्षी लेखी ने इस्तीफा दे दिया था। इसके अलावा समिति के एक अन्य सदस्य अश्निनी वैष्णव ने रेल और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री बनने के बाद समिति से इस्तीफा दिया था। इस्तीफा देने वालों में भूपेंद्र यादव (श्रम और पर्यावरण मंत्री), अजय भट्ट (रक्षा राज्य मंत्री), और राजीव चंद्रशेखर राज्य प्रौद्योगिकी मंत्री शामिल हैं।

Data Protection Committee

समिति के खाली पदों पर जिनकी नियुक्ति की गई हैं इनमें 5 बीजेपी और एक-एक व्यक्ति डीएमके और समाजवादी पार्टी से है। तमिलनाडु से लोकसभा सांसद दयानिधि मारन को लोकसभा अध्यक्ष ने समिति में नियुक्त किया है। प्रोफेसर राम गोपाल यादव समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद हैं और वर्तमान में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण समिति के अध्यक्ष हैं। डॉ. सत्यपाल सिंह, जो बागपत से सांसद हैं, और मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त रह चुके हैं, वर्तमान में लाभ के पद के लिए संयुक्त समिति के प्रमुख हैं। पहली बार सांसद बनी अपराजिता सारंगी के साथ राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा, सुधांशु त्रिवेदी और विनय सहस्त्रबुद्धे को भी इस समिति में नियुक्त किया गया है।

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मीनाक्षी लेखी के साल 2019 में इस समिति की अध्यक्ष बनने के बाद से इस समिति की 66 बैठकें हुई हैं। इस समिति ने कम से कम तीन बार विस्तार की मांग की है। इस समिति की वैधता संस के आगामी शीतकालीन सत्र के पहले सप्ताह तक वैध है। साल 2019 में तत्कालीन इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद द्वारा लोकसभा में लाया गया व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक सदन के सदस्यों के आग्रह पर संसदीय जांच के अधीन था। इस बिल के प्रत्येक खंड पर साल 2019 से 158 घंटे और 45 मिनच चर्चा हुई, जिसके बाद मूल बिल में 89 संशोधन किये गए। व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक सरकारी और निजी कंपनियों द्वारा व्यक्ति के डेटा के उपयोग को विनियमित करने का प्रयास करता है।

English summary
PP Chaudhary appointed new faces on the vacant posts of Data Protection Committee
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