CAA प्रोटेस्ट में फंडिंग की खबरों का PFI ने किया खंडन, रविशंकर बोले- प्रदर्शनों का आयोजन स्वैच्छिक नहीं
नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून 2019 (CAA) कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन को लेकर कई अहम बातें सामने आ रही हैं। ईडी को पता चला है कि यूपी में सीएए के खिलाफ हाल ही में हुए हिंसक प्रदर्शनों का केरल के संगठन पीएफआई के साथ आर्थिक लेन-देन था। आरोप है कि, पीएफआई ने पिछले साल दिसंबर में उत्तर प्रदेश में सीएए के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन के लिए 120 करोड़ रुपये का फंड मुहैया कराया था। हालांकि पीएफआई ने आरोपों का खंडन किया है।
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मोहम्मद अली जिन्ना ने कहा कि, सीएए के विरोध को भड़काने के लिए पीएफआई पर वित्तीय आरोपों की रिपोर्टों की हम कड़ी निंदा करते हैं। रिपोर्ट्स में कहा गया था कि पीएफआई से जुड़े 73 बैंक खातों के माध्यम से सीएए के विरोध के लिए 120 करोड़ रुपए भेजे गए थे। उत्तर प्रदेश पुलिस ने पिछले दिनों पीएफआई पर प्रतिबंध लगा दिया था। इससे कुछ दिन पहले ही सीएए के खिलाफ राज्य में हुए हिंसक प्रदर्शनों में उसके कथित तौर पर शामिल होने की बात सामने आई थी।
Union Minister Ravi Shankar Prasad: Law enforcement agencies are doing their job, I need not make any comment. But if there is suspicious nature of transaction on a particular day then obviously it raises serious apprehension& protests that are organised don't look voluntary. https://t.co/Q9PEh10IGq pic.twitter.com/OUVIsWRnAr
— ANI (@ANI) January 27, 2020
सूत्रों ने बताया कि ईडी को पता चला है कि बैंक खातों में जमा किया गया पैसा कुछ विदेशों से भी आया और कुछ निवेश कंपनियों के खातों में भेजा गया। ईडी ने पीएफआई के खिलाफ एनआईए की एफआईआर और चार्जशीट को उसके खिलाफ पीएमएलए का मामला दर्ज करने के लिए आधार बनाया।
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