क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

'पुराने पड़ चुके' कानूनों की पहचान के लिए मोदी ने बनाई कमिटी

Google Oneindia News

नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बदलाव की आंधी लेकर आए है। उनके पीएम पद का कार्यभार संभालने के बाद काफी कुछ बदल गया है। अब ताजा बदलाव हमारे कानून में होने जा रहा है। नरेन्द्र मोदी ने सुधारों के तहत पुराने व बेकार हो चुके कानूनों व प्रक्रियाओं को समाप्त करने के लिए एक समिति का गठन किया है। मोदी का मानना है कि इस तरह के कानून असमंजस की स्थिति पैदा कर कामकाज में रुकावट डालते हैं।

narendra modi

मोदी पुराने कानूनों को बदलना चाहते हैं। उसमें बदलाव चाहते है ताकि उन्हें फिर से पहचान मिल सकें। मोदी द्वारा गठितकी गई ये समिती तीन महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। समिति की सिफारिशों के आधार पर संसद के शीतकालीन सत्र में विधेयक लाया जाएगा। ये समिति देश के उन कानूनों व नियमों की समीक्षा करेगी जो पिछले 10 से 15 साल के दौरान बेकार पड़ चुके हैं।

आपको अगर याद होगा तो मोदी ने पीएम की कुर्सी संभालने के बाद अपने पहले भाषण में कहा था कि कामकाज में बाधा पैदा करने वाले पुराने कानून की पहचान कर उन्हें समाप्त किया जाना चाहिए। समिति के गठन का फैसला इसी के अनुरूप किया गया है।

प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से आज जारी बयान में कहा गया है, 'प्रधानमंत्री ने पुराने पड़ चुके कानूनों की समीक्षा के लिए समिति के गठन को मंजूरी दी है।' यह नई समिति उन सभी कानूनों की समीक्षा करेगी जिन्हें अटल बिहारी वाजपेयी सरकार द्वारा 1998 में गठित प्रशासनिक कानूनों की समीक्षा समिति ने रद्द करने की सिफारिश की थी।

English summary
Moving ahead with his resolve to weed out archaic rules and procedures as part of reforms process, Prime Minister Narendra Modi on Wednesday set up a committee to identify “obsolete” laws which he believes hamper governance by creating “avoidable confusion”.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X