पीएम मोदी बोले बांग्लादेश की आजादी के लिए किया था सत्याग्रह, इस बयान पर लोग कर रहे ट्रोल,जानें सच्चाई
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश के दौरे पर हैं। बांग्लादेश में पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि बांग्लदेश की आजादी के लिए हुए संघर्ष के लिए हुए सत्याग्रह में शामिल हुआ था तब मेरी उम्र 20-22 साल रही होगी। पीएम मोदी के इस बयान पर सोशल मीडिया पर नई बहस छिड़ गई है और विपक्ष के नेता समेत तमाम यूजर माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्वीटर पर इस बयान को लेकर पीएम मोदी की बात को गलत बताते हुए अलोचना करते हुए जबरदस्त ट्रोल कर रहे हैं। वहीं एक पक्ष ऐसा भी है जो पीएम मोदी के पक्ष लेते हुए उनका बचाव कर रहा है।
जानें पीएम मोदी ने बांग्लादेश में क्या कहा
दरअसल पीएम मोदी ने बांग्लादेश में एक प्रोग्राम में कहा बांग्देश की आजादी के लिए हुए आंदोलन में शामिल होना मेरे जीवन के पहले आंदोलनों में से एक था । उस समय मैं 20-22 साल का था और मैंने अपने कई साथियों के साथ सत्याग्रह किया था। बांग्लादेश की आजादी के समर्थन में मैंने गिरफ्तारी भी दी थी और जेल भी गया था।
पीएम मोदी के सत्याग्रह के बयान पर कांग्रेसी ने पहले बनाया मजाक फिर मांगी माफी
पीएम मोदी के इस बयान पर सबसे पहले विपक्षी पार्टी कांग्रेस के नेता शशि थरूर ने ट्टीट किया और बोले पीएम मोदी बांग्लादेश को फेक न्यूज का मजा चखा रहे हैं। सबको पता है कि बांग्लादेश को किसने आजाद करवाया था। हालांकि इसके बाद दूसरे ट्वीट में शशि थरुर ने माफी मांगी और लिखाउन्होंने केवल हेडिंग पढ़कर ही इस मामले पर कमेंट कर दिया था, लेकिन अब वो अपनी गलती स्वीकारी जब उन्हें पता चला कि पीएम मोदी ने बांग्लादेश की आजादी में इंदिरा गांधी के योगदान का भी जिक्र किया है। ट्वीट में थरूर ने लिखा, 'मुझे अपनी गलती पर क्षमा मांगने में बिल्कुल भी हिचक नहीं है। कल मैंने केवल हेडलाइन पढ़कर ट्वीट किया था कि, 'हर कोई जानता है कि बांग्लादेश को किसने आजाद कराया।' जिसका मतलब था कि नरेंद्र मोदी ने इंदिरा गांधी के योगदान को नहीं बताया। लेकिन उन्होंने इसका जिक्र किया। सॉरी।' उन्होंने एक वीडियो का लिंक भी शेयर किया जिसमें मोदी इंदिरा गांधी का जिक्र कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने लिखी ये बात
वहीं छत्तीसगढ़ कांग्रेस ने पीएम मोदी के इस बयान पर तंज कसते हुए कहा "हडप्पा की खुदाई में चाय के बर्तन मिले थे। आपको पता ही होगा कि कहा से आए ?
विपक्ष के इस हमले पर भाजपा प्रवक्ता ने दिया ये जवाब
आम आदमी पार्टी के संजय सिंह ने ट्रोल करते हुए सवाल किया कि बांग्लादेश की आजादी में भारत सरकार तो बांग्लादेश के साथ थी। युद्ध तो पाकिस्तान कसे हो रहा था फिर मोदी को जेल किसने भेजा? भारत ने या पाकिस्तान ने? वहीं भाजपा प्रवक्ता सलभ मणि त्रिपाठी ने पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए ट्वीट पर लिखा कि अपने कर्मठ जीवन के जरिए कुंठित आत्माओं को रोजगार देते रहने का PM नरेंद्र मोदी। जी का ये अंदाज अनूठा है
जानें क्या सच्चाई आई सामने
पीएम मोदी के इस बयान पर पॉलिटिकल एनालिस्ट कंचन गुप्ता ने नरेंद्र मोदी की 1978 में लिखी किताब 'संघर्ष मा गुजरात' का कवर पेज शेयर करते हुए लिखा इसमें लेखक के परिचय में गुजराती में एक लाइन लिखी है कि 'बांग्लादेश के सत्याग्रह के समय तिहाड़ जेल होकर आए।' लेकिन पीएम मोदी की वेबसाइट पर बुक के रीप्रिंटेड वर्जन के बैक कवर पर ये बात नहीं दिख रही है। वहीं न्यूज एजेंसी AP के आर्काइव्ज ने बांग्लादेश की आजादी के समर्थन में 25 मई 1971 को जनसंघ की एक रैली का वीडियो शेयर किया और दिखाया कि उस समय अटल बिहारी वाजपेयी जनसंघ के अध्यक्ष थे। उन्होने वाजपेयी कि मिले प्रशस्ति पत्र को भी शेयर किया जिसमें तत्कालीन जनसंघ अध्यक्ष वाजपेयी के बांग्लादेश के स्वाधीनता संग्राम में योगदान को सराहा गया हैं।
'Academics' just don't realise that the Internet has radically changed the world and 'knowledge' is no longer their preserve, privilege and prerogative.
— Kanchan Gupta (@KanchanGupta) March 26, 2021
Jana Sangh rally in support of recognising Bangladesh 25 May 1971. Courtesy: AP Archives.
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