सही साबित हुई मायावती-अखिलेश को लेकर पीएम मोदी की ये भविष्यवाणी
सपा मुखिया अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक भविष्यवाणी सही साबित हुई।
नई दिल्ली। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर बनाए गए सपा-बसपा महागठबंधन से अलग होने का ऐलान कर दिया है। मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए मायावती ने कहा कि लोकसभा चुनाव में सपा के मजबूत गढ़ों में भी यादव वोट समाजवादी पार्टी को नहीं मिला। समाजवादी पार्टी में भीतर घात हुआ और यादव वोट बीएसपी को ट्रांसफर नहीं हुआ। मायावती ने कहा कि आने वाले यूपी के उपचुनावों में बीएसपी अकेले दम पर ही चुनाव लड़ेगी और अगर अखिलेश आदव सपा को फिर से मजबूत कर पाते हैं तो आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा। मायावती और अखिलेश यादव के इस महागठबंधन को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 20 अप्रैल को एक भविष्यवाणी की थी, जो सही साबित हुई।
क्या कहा था पीएम मोदी ने
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सपा और बसपा के गठबंधन को लेकर लोकसभा चुनाव के दौरान ही भविष्यवाणी कर दी थी। 20 अप्रैल को यूपी के बरेली और एटा में आयोजित रैली में पीएम मोदी ने कहा था, 'मायावती और अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव के लिए जो महामिलावटी गठबंधन किया है, चुनाव परिणाम आने के बाद बुआ-बबुआ की ये दोस्ती टूट जाएगी। लोकसभा चुनाव के दो चरण के बाद हमारे सारे विरोधी अभी से कारण ढ़ूंढ़ने में लगे हैं कि भाई पराजय के कारण तैयार करो, ये ऐसा मोदी रोलर आया है कि सब साफ हो रहा है। सपा हो या बसपा हो उनका देश को लेकर कोई विजन नहीं है, उनका बस एक ही एजेंडा है मोदी हटाओ।' सपा-बसपा महागठबंधन टूटने के बाद पीएम मोदी की ये भविष्यवाणी आखिरकार सही साबित हुई।
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11 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी बसपा
आपको बता दें कि इससे पहले मायावती ने सोमवार को हार की समीक्षा के लिए दिल्ली में पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों, जिला अध्यक्षों, जोन इंचार्जों, नवनिर्वाचित सांसदों और हारे हुए प्रत्याशियों की बैठक बुलाई थी। इस बैठक के बाद खबर आई कि मायावती यूपी में होने वाले उपचुनाव में अकेले ही चुनाव मैदान में उतरेंगी। दरअसल मायावती ने इस बैठक में कहा कि यादव समाज का वोट बीएसपी को ट्रांसफर नहीं हुआ। यहां तक कि सपा के गढ़ों में उसे हार का सामना करना पड़ा। मायावती ने अपनी पार्टी के पदाधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा वो आने वाले उपचुनाव की तैयारियों में जुट जाएं। यूपी की 11 विधानसभा सीटों पर बसपा अपने प्रत्याशी उतारेगी।
गठबंधन टूटने पर अखिलेश क्या बोले
वहीं, बसपा के अकेले चुनाव लड़ने के ऐलान के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा कि वो भी अपनी तैयारी करेंगे और उपचुनाव में अकेले लड़ेंगे। समाजवादी पार्टी के जिला पंचायत सदस्य की हत्या के बाद परिजनों से मिलने गाजीपुर पहुंचे अखिलेश यादव ने कहा, 'बसपा के गठबंधन से अलग होने के फैसले का स्वागत है। इस पर चर्चा के बाद ज्यादा विस्तार से कहूंगा, लेकिन ये साफ है कि हम भी अकेले उतरेंगे और यूपी की सभी 11 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव लड़ेंगे।' अखिलेश ने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद से ही लगातार सपा के कार्यकर्ताओं की हत्या हो रही है लेकिन राज्य की भाजपा सरकार का ध्यान इस पर नहीं है। अखिलेश ने कहा कि आज यूपी की कानून व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो चुकी है।
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लोकसभा चुनाव में क्या रहा महागठबंधन का हाल
आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी ने यूपी की सहारनपुर, बिजनौर, नगीना, अमरोहा, जौनपुर, अंबेडकर नगर, लालगंज, श्रावस्ती, गोसी और गाजीपुर सीट पर जीत दर्ज की। कुछ सीटें ऐसी थीं, जिनपर बसपा उम्मीदवार बेहद कम अंतर से हारे। इनमें यूपी की मछलीशहर सीट भी शामिल है, जहां बीएसपी के कैंडिडेट को महज 330 वोटों के अंतर से हार मिली। इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में बसपा का खाता भी नहीं खुला था। वहीं, समाजवादी पार्टी के खाते में इस चुनाव में केवल पांच सीटें आजमगढ़, मैनपुरी, मुरादाबाद, सम्भल और रामपुर गईं। 2014 में भी सपा 5 सीटों पर ही जीत दर्ज कर पाई थी। इस बार मुलायम सिंह यादव के तीन सदस्यों डिंपल यादव को कन्नौज, अक्षय यादव को फिरोजबादा और धर्मेंद्र यादव को बदायूं में हार का सामना करना पड़ा। आरएलडी 2014 में अपना खाता नहीं खोल पाई थी और इस बार भी पार्टी कोई सीट नहीं जीत पाई। आरएलडी मुजफ्फरनगर, बागपत और मथुरा सीट पर चुनाव लड़ी थी।