शिवसेना बोली, पकौड़ा तलने की सलाह देने वाले PM ने अखिरकार आरक्षण दे ही दिया
नई दिल्ली। गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने के बिल पास होने के बाद अब भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने मोदी सरकार पर जबरदस्त हमला बोला है। शिवसेना ने चेतावनी देते हुए कहा कि, यदि यह चुनावों से प्रेरित हुआ तो यह कदम उनके लिए महंगा साबित होगा। सरकार के सवर्ण आरक्षण पर तंज कसते हुए कहा कि, युवाओं को पकौड़ा तलने की सलाह देने वाले प्रधानमंत्री को आखिरकार आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों को 10 प्रतिशत आरक्षण देना पड़ा।
आरक्षण तो दे दिया, कहां हैं नौकरियां?
शिवसेना ने गुरुवार को पार्टी के मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में कहा, जब सत्ता में बैठे लोग रोजगार और गरीबी के दो प्रमुख मोर्चों पर विफल होते हैं, तो उन्हें आरक्षण कार्ड खेलना पड़ता है। शिवसेना ने संपादकीय में लिखा कि, 10 प्रतिशत आरक्षण के बाद रोजगार का क्या होगा? आपको नौकरी कहां से मिलेगी? 15 साल से अधिक उम्र के लोगों की आबादी हर महीने 13 लाख बढ़ रही है। 18 वर्ष से कम आयु के नाबालिगों को नौकरी देना अपराध है लेकिन बाल श्रम लगातार जारी है।
हर साल 80 से 90 लाख नए रोजगारों की जरूरत
शिवसेना ने लिखा कि, देश में रोजगार की दर को संतुलित बनाए रखने के लिए हर साल 80 से 90 लाख नए रोजगारों की जरूरत है लेकिन यह गणित कुछ समय से असंतुलित है। सामना ने कहा कि, अगर यह आरक्षण वोटों के लिए दिया गया है तो यह महंगा पड़ेगा। 10 फीसदी आरक्षण के बाद नौकरियां कहां हैं? महाराष्ट्र में मराठा समुदाय को आरक्षण दिया गया। लेकिन नई नौकरियां ही नहीं है। पिछले दो साल में नोटबंदी, जीएसटी जैसे फैसलों से नौकरियां बढ़ने की बजाए घटी हैं। करीब डेढ़ से दो करोड़ लोगों की नौकरियां गई हैं।
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90 लाख लोगों ने नौकरी के किया आवेदन
शिवसेना ने दावा किया कि 2018 में रेलवे में 90 लाख नौकरियों के लिए 2.8 करोड़ लोगों ने आवेदन किया। इसके अलावा मुंबई पुलिस में 1,137 पदों के लिए चार लाख से अधिक लोगों ने आवेदन किया और कई आवेदनकर्ता आवश्यक योग्यता से अधिक शैक्षणिक योग्यता रखते थे।