विज्ञान को 'लैब से लैंड' मंत्र के साथ आगे ले जाने की जरूरत: मन की बात कार्यक्रम में बोले पीएम मोदी
राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात कार्यक्रम में जनता को संबोधित करते हुए कहा कि, आत्मनिर्भर भारत में विज्ञान का बड़ा योगदान है।
नई दिल्ली। राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज मन की बात कार्यक्रम में जनता को संबोधित करते हुए कहा कि, आत्मनिर्भर भारत में विज्ञान का बड़ा योगदान है। उन्होंने कहा कि, हमें 'लैब टू लैंड' मंत्र के साथ विज्ञान को आगे लेकर जाने की आवश्यकता है। उन्होंने विज्ञान पर बातचीत करते समय लद्दाख के रहने वाले उर्गेन फुंटसोग का भी जिक्र किया।
उन्होंने कहा कि उर्गेन चक्रीय पैटर्न में 20 अलग-अलग फसलों को विकसित करने के लिए नवाचार तकनीकों के साथ काम कर रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि आत्मनिर्भर भारत एक राष्ट्रीय भावना है।
इसके अलावा पीएम ने खेल के विषय में भी बात की उन्होंने कहा कि, 'हमें क्षेत्रीय भाषाओं में भारतीय खेलों की कमेंट्री को बढ़ावा देने के बारे में सोचने की जरूरत है।उन्होंने आगे कहा कि देश में कई लोग आत्मनिर्भर भारत में अपना योगदान दे रहे हैं। उन्होंने अपने कार्यक्रम के दौरान बेतिया के रहने वाले प्रमोदजी का भी नाम लिया जिन्होंने दिल्ली की एक कंपनी में एलईडी लाइट्स का काम सीखकर अपने यहां उसकी मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट लगाई। पीएम मोदी ने जल संरक्षण को लेकर भी मन की बात कार्यक्रम में चर्चा की।
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उन्होंने कहा की पानी पारस से भी महत्पूर्ण है। उन्होंने देशवासियों से इसके संरक्षण की अपील की। उन्होंने कहा कि देश में ऐसा कोई नहीं नहीं होगा जब देश के किसी न किसी कोने में पानी से जुड़ा कोई उत्सव न हो। जल हमारे लिए जीवन भी है, आस्था भी है और विकास की धारा भी है। इसलिए पानी का संरक्षण करें। उन्होंने आगे कहा कि वर्षा ऋतु आने से पहले ही जल संरक्षण के लिए प्रयास शुरू कर देने चाहिए।
उन्होंने अपने कार्यक्रम में महान संत रविदास जी का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि जब भी माघ के महीने और इसके आध्यात्मिक, सामाजिक महत्व की चर्चा होती है तो संत रविदास के नाम के बिना यह चर्चा पूरी नहीं होती। उन्होंने कहा कि संत रविदास जी के शब्द, उनका ज्ञान हमारा पथप्रदर्शन करता है।
पीएम ने कहा कि हमारे युवाओं को संत रविदास जी से एक बात जरूर सीखनी चाहिए। युवाओं को कोई भी काम करने के लिए पुराने तौर तरीकों में नहीं बंधना चाहिए। आप खुद ही तय करें कि आपको अपने जीवन को कैसे चलाना है। मैं ऐसा इसलिए कह रहा हूं कि कई बार युवा पुरानी सोच के दबाव में वह नहीं कर पाते जो वाकई में उन्हें पसंद होता है। पीएम ने कोरोना वायरस को लेकर सावधानी बरतने को भी कहा। उन्होंने कहा कि कोरोना के केस भले ही कम हो गए हों लेकिन हमें अभी भी विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।