दोबारा पीएम बनने के बाद पहले विदेश दौरे पर मोदी का इमरान से होगा सामना
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2019) में महाविजय के बाद नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) 30 मई को दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। शपथ लेने के बाद पीएम मोदी अपने पहले विदेश दौरे के लिए तैयारियां करने लगे हैं। पहले विदेश दौरे पर पीएम मोदी और पाकिस्तान के पीएम इमरान खान का आमना-सामना होगा। जी हां, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 जून को अपने विदेश दौरे के लिए किर्गिस्तान की राजधानी बिशकेक रवाना होंगे। यहां पर मोदी, शंघाई को-ऑपरेशन ऑर्गनाइजेशन (SCO) शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे जो दो दिनों का होगा। 23 मई को आए चुनावी नतीजों में बीजेपी को 302 तो एनडीए गठबंधन को 350 सीटें हासिल हुई हैं। आजाद भारत के इतिहास में यह पहला मौका है जब किसी गैर-कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार की लगातार दूसरी बार सत्ता में वापसी हुई है।
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क्या इमरान से होगाी मुलाकात?
सूत्रों की ओर से दी गई जानकारी में कहा गया है कि अभी प्रधानमंत्री के विदेश दौरे की तैयारियां चल रही हैं। लेकिन कुछ कार्यक्रम पहले से तय हो गए हैं। एससीओ शिखर सम्मेलन उनमें से ही एक है। 13 जून को मोदी बिशकेक जाएंगे। इस बार का एससीओ सम्मेलन एक और वजह से खास हो गया है। पाकिस्तान के पीएम इमरान भी यहां पर पहुंचेंगे। पिछले तीन माह से जारी तनाव और इमरान के पीएम बनने के बाद यह पहला मौका होगा जब दोनों नेता एक-दूसरे से टकराएंगे होंगे। हाल ही में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज इस सम्मेलन में हिस्सा लेकर लौटी हैं। यहां पर सुषमा और उनके पाक समकक्ष शाह महमूद कुरैशी एक मंच पर तो आए लेकिन दोनों नेताओं के बीच कोई बात नहीं हुई।
पिछले चार वर्षों से बंद है वार्ता
सूत्रों की ओर से दी गई जानकारी में कहा गया है कि पीएम मोदी और इमरान के बीच कोई वार्ता नहीं होगी। दोनों नेता बस मुस्कुराकर एक-दूसरे का अभिवादन करते हुए नजर आ सकते हैं। चुनावी नतीजों के बाद इमरान ने मोदी को ट्विटर पर जीत की बधाई दी थी। मोदी ने भी इसका जवाब दिया था। मोदी ने इमरान का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि दक्षिण एशिया में शांति और विकास हमेशा से उनकी प्राथमिकता रही है। भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले चार वर्षों से वार्ता बंद है।
अजहर की ब्लैकलिस्टिंग के बाद जिनपिंग से पहली मीटिंग
एससीओ समिट में चीन भी हिस्सा लेगा। माना जा रहा है कि यहां पर पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच मुलाकात हो सकती है। हालांकि अभी तक इस पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है। पिछले वर्ष जब किंगदाओ में एससीओ समिट का आयोजन हुआ था तो उस समय जिनपिंग और मोदी को के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई थी। यूं तो दोनों नेता पिछले एक वर्ष में चार बार मिल चुके हैं लेकिन इस बार जिनपिंग और मोदी की मीटिंग खास होगी। जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर के ब्लैकलिस्ट होने के बाद दोनों पहली बार मिलेंगे।
जाएंगे जापान और मिलेंगे ट्रंप से
एससीओ समिट के बाद मोदी, जी-20 समिट में हिस्सा लेने के लिए जापान के ओसाका जाएंगे। 28 और 29 जून को आयोजित होने वाले इस सम्मेलन में उनकी मुलाकात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से होगी। शुक्रवार को ट्रंप ने मोदी को फोन किया और उन्हें जीत की बधाई दी। व्हाइट हाउस की ओर से इसकी पुष्टि की गई। व्हाइट हाउस की तरफ से कहा गया है, 'दोनों नेता जापान के ओसाका में होने वाले जी-20 समिट में मुलाकात करने पर राजी हुए हैं। इस समिट में भारत, जापान और अमेरिका के बीच तीसरा त्रिपक्षीय सम्मेलन होगा।
अगस्त में फ्रांस तो सितंबर में रूस
अगस्त में पीएम मोदी आयोजित होने वाले जी-7 समिट में हिस्सा लेंगे। फ्रांस इस बार सम्मेलन का मेजबान है और भारत ने आखिरी बार साल 2005 में इस सम्मेलन में शिरकत की थी। इस सम्मेलन के लिए फ्रेंच राष्ट्रपति इमैनुएल मैंक्रो ने पीएम मोदी को उस समय इनवाइट किया जब उन्होंने मोदी को चुनावों में जीत की बधाई देने के लिए उन्हें कॉल किया। सितंबर में मोदी, रूस के व्लादिवोस्तोक में आयोजित होने वाले ईस्टर इकोनॉमिक फोरम में हिस्सा लेंगे। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने बधाई कॉल के दौरान पीएम मोदी को इसके लिए आमंत्रित किया है।