अमेठी में स्मृति ईरानी को वोट दिया, पर राहुल की हार पर रो पड़ा
नई दिल्ली। अमेठी में जिस तरह से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को स्मृति ईरानी ने मात दी, उसके बाद हर तरह इस बड़े उलटफेर की चर्चा हो रही है। स्मृति ईरानी की जीत के बाद अमेठी में लोग काफी भावुक हो गए। बता दें कि 1967 के बाद अमेठी में कांग्रेस की यह तीसरी हार है। नतीजों की घोषणा के बाद अमेठी के लोगों को इसका यकीन नहीं हो रहा था। इससे पहले अमेठी में 1977 और 1988 में कांग्रेस चुनाव हारी थी। जीत के बाद स्मृति ईरानी ने ट्वीट करके लिखा कि अमेठी में यह नई शुरुआत है, एक नया संकल्प।
क्या वह राहुल गांधी से नाराज हैं तो वह भावुक हो गए
अमेठी में चुनावी परिणाम के बाद एक दुकानदार ने बताया कि उसने अपने घर में छोटा सा शौचालय सरकार के पैसे से बनवाया है, यही वजह है कि उसने पहली बार भाजपा को वोट दिया, लेकिन जब उनसे पूछा गया कि क्या वह राहुल गांधी से नाराज हैं तो वह भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि मैं किसी से भी नाराज नहीं हूं, बजाए अपनी किस्मत के। यहां के एक किसान ने भी भाजपा को वोट दिया, उनका कहना है कि यहां पर पहली बार नई सडक बनी है, जोकि पिछले पांच साल में हुए विकास की कहानी बयां करती है।
राहुल गांधी ने उनके इलाज का प्रबंध दिल्ली में कराया था
यह सड़क काफी सालों से खराब थी, लेकिन अब आप देख सकते हैं कि यहां पर सड़क बन गई है। 56 वर्षीय मोहम्मद लतीफ जोकि पूर्व प्रथान हैं और कैंसर के मरीज हैं, उनका कहना है कि उनके घर पर राहुल गांधी और प्रियंका गांधी आई थीं और उन्होंने उनके इलाज का प्रबंध दिल्ली में कराया था।
अमेठी में हार महज सांकेतिक है
स्थानीय कांग्रेस नेता राज करन त्रिपाठी का कहना है कि वह योजना बना रहे हैं कि अमेठी जाएंगे और उन्हें बताएंगे कि उनकी अमेठी में हार महज सांकेतिक है। मै आपको बताना चाहता हूं कि लोग अभी से दुखी हैं। लेकिन भाजपा नेता आशा बाजपेयी का कहना है कि दीदी की जीत अब स्थायी तौर पर है।
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