Pegasus Spyware: पेगासस जासूसी कांड की स्वतंत्र जांच को लेकर SC कल सुनाएगा फैसला
नई दिल्ली, 26 अक्टूबर। पेगासस सुप्रीम कोर्ट मामले में कोर्ट की निगरानी में स्वतंत्र जांच को लेकर सुप्रीम कोर्ट बुधवार को अपना फैसला सुनाएगा। सर्वोच्च अदालत में दायर एक याचिका में कोर्ट से मामले की स्वतंत्र निगरानी की मांग की गई थी।
शीर्ष अदालत ने पिछले महीने कहा था कि वह पेगासस स्पाइवेयर के आरोपों की जांच के लिए तकनीकी विशेषज्ञों का एक पैनल गठित करेगी। अदालत ने कहा था कि समिति के गठन पर आदेश जल्द ही जारी किया जा सकता है। पिछले दिनों इजरायल में बने पेगासस जासूसी स्पाइवेयर के भारत में इस्तेमाल के आरोपों के सामने आने के बाद मामला सुप्रीम कोर्ट में गया था।
केंद्र ने इससे पहले अदालत से कहा था कि वह इजरायली फर्म एनएसओ ग्रुप द्वारा विकसित स्पाइवेयर का उपयोग कर कई प्रमुख लोगों के फोन हैकिंग के आरोपों की जांच के लिए एक पैनल गठित करने की अनुमति दे।
Pegasus spyware Row: SC से बोली सरकार- 'नहीं हुई किसी भी सॉफ्टवेयर से जासूसी, ये बहस का मुद्दा नहीं'
इसके पहले 13 सितम्बर को भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता में वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग वाली याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
क्या
है
जासूसी
मामला?
ये
मामला
अंतरराष्ट्रीय
मीडिया
की
सुर्खियां
बना
था।
दस्तावेजों
का
अध्ययन
करने
के
बाद
मीडिया
रिपोर्ट
में
कहा
गया
था
कि
इजरायल
की
एजेंसी
एनएसओ
के
बनाए
पेगासस
सॉफ्टवेयर
के
जरिए
दुनिया
भर
के
नेताओं,
पत्रकारों
और
सामाजिक
हस्तियों
की
जासूसी
की
गई
थी।
इस
लिस्ट
में
भारत
के
भी
कई
नाम
शामिल
थे।
केंद्र
ने
किया
था
आरोपों
का
खंडन
वहीं
केंद्र
सरकार
ने
पहले
भारतीय
नागरिकों
पर
गैरकानूनी
निगरानी
करने
के
सभी
आरोपों
का
खंडन
किया
था।
इसने
अगस्त
में
दायर
एक
हलफनामे
में
कहा
था
कि
"कुछ
निहित
स्वार्थों
द्वारा
फैलाई
गई
किसी
भी
गलत
कहानी
को
दूर
करने
और
उठाए
गए
मुद्दों
की
जांच
करने
के
उद्देश्य
से"
एक
समिति
बनाने
को
तैयार
है
जो
मुद्दे
के
सभी
पहलू
तक
जाएगी।
सुप्रीम
कोर्ट
में
दायर
याचिका
में
ये
मांग
की
गई
कि
सरकार
ये
बताए
कि
उसने
पेगासस
सॉफ्टवेयर
खरीदा
है
या
नहीं।
केंद्र ने पहले कहा था कि इस मुद्दे पर सार्वजनिक रूप से चर्चा नहीं की जा सकती क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मसला है।