पार्थ चटर्जी अर्पिता के घर को 'मिनी बैंक' मानते थे, 'दूसरी महिला' के घर भी पैसे..., हर 10 दिन में विजिट
अर्पिता मुखर्जी ने कहा है, पार्थ चटर्जी ने उनके घर को "मिनी बैंक" के रूप में इस्तेमाल किया। बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने पार्थ चटर्जी की सहयोगी अर्पिता के घर से 20 करोड़ रुपये बरामद किए हैं।
कोलकाता, 27 जुलाई : Partha Chatterjee Arpita Mukherjee की परेशानी खत्म होने का नाम नहीं ले रही। पश्चिम बंगाल के पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी एसएससी टीचर भर्ती घोटाला मामले में तीन अगस्त तक ईडी की गिरफ्त में हैं। सूत्रों की कहना है कि पार्थ की 'सहयोगी' अर्पिता ने कबूल किया है कि उनके घर पार्थ चटर्जी का आना-जाना लगा रहता था। एक रिपोर्ट में अर्पिता के हवाले से कहा गया, गिरफ्तार मंत्री ने मेरे (अर्पिता) घर को "मिनी बैंक" के रूप में इस्तेमाल किया। बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने पार्थ चटर्जी की सहयोगी अर्पिता के घर से 20 करोड़ रुपये बरामद किए हैं।
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पैसे वाले कमरे में केवल पार्थ और..
दरअसल, पश्चिम बंगाल टीचर भर्ती घोटाला मामले में ब्लैक डायरी रिकवरी के बाद कई परतें उठती दिख रही हैं। बंगाल के गिरफ्तार मंत्री पार्थ चटर्जी की सहयोगी अर्पिता ने कहा है कि मंत्री पार्थ ने मेरे घर को "मिनी बैंक" के रूप में इस्तेमाल किया। एनडीटीवीडॉटकॉम पर सूत्रों के हवाले से लिखा गया, अर्पिता मुखर्जी ने प्रवर्तन निदेशालय को बताया है कि ''एक कमरे में सारा पैसा जमा हो जाता था जिसमें सिर्फ पार्थ चटर्जी और उनके लोग ही प्रवेश करते थे.''
अर्पिता का घर मिनी बैंक मानते थे पार्थ
खबरों में सूत्र के हवाले से लिखा गया, अर्पिता मुखर्जी ने ईडी को बताया कि उनका पार्थ चटर्जी से एक बंगाली अभिनेता ने परिचय कराया था। बता दें कि स्कूल नौकरी घोटाले में बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी के साथ गिरफ्तार अर्पिता मुखर्जी ने कथित तौर पर दावा किया है कि पार्थ चटर्जी उनके घर पर पैसे जमा करते थे। उनके घर को "मिनी-बैंक" की तरह मानते थे।
ईडी की जांच कैसे लीक हो रही ?
ये खबर सामने आने के बाद संभावना है कि अदालत में अर्पिता मुखर्जी के वकील अगली सुनवाई के दौरान ईडी के दावों का खंडन करेंगे। अर्पिता की लीगल टीम ने मीडिया को अपनी जांच का विवरण लीक करने के लिए एजेंसी पर निशाना भी साधा है। वकीलों ने केंद्रीय एजेंसियों की कन्विक्शन रेट काफी कम (मामलों में दोषसिद्धि की दर) होने की तरफ भी इशारा किया है।
21 करोड़ रुपये नकद
पश्चिम बंगाल एसएससी घोटाला मामले की जांच कर रहे अधिकारियों को अर्पिता मुखर्जी के घर से 21 करोड़ रुपये नकद मिले थे। शनिवार को उन्हें और पार्थ चटर्जी को गिरफ्तार किए जाने से एक दिन पहले उनके घर पर नकदी के बड़े ढेर के दृश्य सामने आए। बता दें कि अर्पिता को मीडिया रिपोर्ट्स में मंत्री पार्थ की करीबी सहयोगी के अलावा पूर्व अभिनेत्री और मॉडल के रूप में भी दिखाया जा रहा है।
हर 10 दिन में अर्पिता के पास पार्थ
Partha Chatterjee Arpita Mukherjee मामले में एनडीटीवी डॉटकॉम की एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया, अर्पिता मुखर्जी ने प्रवर्तन निदेशालय को बताया है कि "एक कमरे में सारा पैसा जमा हो जाता था, जिसमें केवल पार्थ चटर्जी और उनके लोग ही प्रवेश करते थे।" खबर में लिखा गया, सूत्रों का कहना है कि उन्होंने दावा किया कि मंत्री हर हफ्ते या हर 10 दिन में उनके घर आते थी। अर्पिता मुखर्जी ने कथित तौर पर जांचकर्ताओं को बताया, "पार्थ ने मेरे और दूसरी महिला के घर को मिनी बैंक के रूप में इस्तेमाल किया। वह दूसरी महिला भी उसकी करीबी दोस्त है।"
खुद मंत्री पार्थ चटर्जी पैसे लेकर...
खबरों के मुताबिक सूत्रों ने अर्पिता के हवाले से बताया, अर्पिता ने दावा किया कि मंत्री ने कभी यह नहीं बताया कि कमरे में कितने पैसे थे। अर्पिता मुखर्जी और पार्थ चटर्जी 2016 से करीब थे। सूत्रों का दावा है कि अर्पिता ने स्वीकार किया कि यह पैसा तबादलों के लिए और कॉलेजों को मान्यता दिलाने में मदद करने के लिए प्राप्त रिश्वत से आया था। यह पैसा हमेशा दूसरे लोग लाते थे, खुद मंत्री पार्थ चटर्जी पैसे लेकर कभी नहीं आए।
पार्थ चटर्जी के घर ब्लैक डायरी
प्रवर्तन निदेशालय को कथित तौर पर आपत्तिजनक दस्तावेज मिले हैं। एजेंसी का आरोप है कि मंत्री पार्थ चटर्जी अर्पिता मुखर्जी के संपर्क में थे। ईडी के मुताबिक अर्पिता के घर में मिली नकदी "अपराध की आय" है। सूत्रों का कहना है कि ईडी ने लगभग 40 पन्नों के नोटों के साथ एक आपत्तिजनक डायरी भी बरामद की है। इस ब्लैक डायरी से जांच में महत्वपूर्ण सुराग मिलने की अटकलें लगाई जा रही हैं। ईडी ने संपत्तियों के कई दस्तावेज भी बरामद किए हैं जो पार्थ चटर्जी को लंबे समय तक सलाखों के पीछे भेज सकते हैं।
Partha Chatterjee पर आरोप क्या हैं
बता दें कि तृणमूल कांग्रेस के एक शीर्ष नेता पार्थ चटर्जी पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी सहयोगी होने का लाभ लेने का आरोप है। आरोप है कि मंत्री के कार्यकाल के दौरान राज्य प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में शिक्षकों और कर्मचारियों की भर्ती में अनियमितता हुई। बता दें कि पार्थ पश्चिम बंगाल के शिक्षा मंत्री रह चुके हैं।