फादर स्टेन स्वामी को स्ट्रॉ-सिपर के लिए दिसंबर तक करना होगा इंतजार
नई दिल्ली। भीमा-कोरेगांव मामले में कथित संलिप्तता के चलते पिछले महीने गिरफ्तार किए गए 83 वर्षीय स्टेन स्वामी को स्ट्रॉ और सिपर कप के लिए कुछ दिन और इंतजार करना होगा। पार्किंसन बीमारी के मरीज फादर स्टेन ने स्ट्रा-सिपर कप और सर्दी से बचने के कपड़ों की मांग की थी। इससे पहले आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता फादर स्टेन ने दावा किया था कि उनका स्ट्रॉ और सिपर एनआईए ने ले लिया है।
स्ट्रॉ और सिपर मुहैया कराने की इजाजत देने के स्वामी के आग्रह पर एनआईए ने बृहस्पतिवार को एक विशेष अदालत को बताया कि उसने स्वामी को गिरफ्तार करते समय उनका स्ट्रॉ और सिपर नहीं लिया था।इसके बाद विशेष अदालत ने स्वामी की अर्जी खारिज कर दी। एनआईए के एक अधिकारी ने कहा, 'स्टेन स्वामी को कभी एनआईए हिरासत में नहीं लिया गया, ऐसे में उनकी चीजें हमारे पास नहीं हैं। उन्हें सीधे ज्यूडीशियल कस्टडी में भेजा गया था, ऐसे में उन्हें जेल प्रशासन से इस बारे में आग्रह करना चाहिए।
इसके बाद कार्यकर्ता ने जेल में एक नई अर्जी दायर कर गर्म कपड़े, स्ट्रॉ तथा सिपर देने का अनुरोध किया है।अदालत ने जेल प्रशासन से जवाब मांगा और मामले को चार दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दिया। एनआईए ने स्वामी को आठ अक्टूबर को झारखंड के रांची स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया था। उनसे इस महीने के शुरू में स्ट्रॉ और सिपर देने की स्वामी की फरियाद पर जवाब देने के लिए 20 दिन का समय मांगा था। स्वामी ने 6 नवंबर को इस मामले में आग्रह किया था
बता दें कि, पार्किंसन की बीमारी में रोगी को रोजाना की दिनचर्या जैसे खाने-पीने में भी दिक्कत होती है। कुछ मरीजों को इस दौरान चबाने और निगलने में भी परेशानी आती है। फादर स्टेन स्वामी पार्किंसन से पीडित हैं। फादर स्वामी ने अपने आवेदन कहा है, 'पार्किंसंस के कारण मैं गिलास हाथ में भी नहीं पकड़ सकता हूं, इसलिए मुझे स्ट्रॉ और सिपर की जरूरत है।
बिहार सरकार ने जारी की नई गाइडलाइंस, दफ्तरों में 50% उपस्थिति, शादी में सिर्फ 100 लोग