जम्मू कश्मीर के पुंछ में रह रही पाकिस्तान की खतीजा परवीन को मिली भारत की नागरिकता
पुंछ। देश भर में नए नागरिकता कानून, नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर बवाल के बीच ही जम्मू कश्मीर में एक पाकिस्तानी महिला को भारत की नागरिकता दी गई है। अधिकारियों की तरफ से इस बात की पुष्टि की गई है। इस महिला की शादी भारतीय युवक के साथ हुई थी और अब जाकर इसे दी जाने वाली नागरिकता की औपचारिकताएं पूरी हो गई हैं।
पुंछ के निवासी की पत्नी हैं खतीजा
जम्मू कश्मीर के पुंछ में रहने वाली खतीजा परवीन अब भारत की नागरिक हैं। पाक की रहने वाली खतीजा की शादी मोहम्मद ताज के साथ हुई थी। पुंछ के डिस्ट्रिक्ट डेवलपमेंट कमिश्नर राहुल यादव ने ऑफिस में खतीजा को उनका नागरिकता सर्टिफिकेट सौंपा। अधिकारियों ने बताया कि परवीन का जन्म पाकिस्तान में हुआ था। उन्हें भारतीय युवक से शादी के बाद नागरिकता कानून 1955 के सेक्शन 5 (1) के तहत भारत की नागरिकता दी गई है। नागरिकता सर्टिफिकेट मिलने के बाद खतीजा और उनके पति ने अपनी खुशी का इजहार किया। उन्होंने कहा कि वह केंद्रीय गृह मंत्रालय के शुक्रगुजार हैं जो उन्हें नागरिकता मिली।
साल 2000 में नागरिकता के लिए किया था अप्लाई
खतीजा ने बताया कि उनकी शादी मोहम्मद ताज के साथ साल1983 में हुई थी और साल 2000 में उन्होंने भारत की नागरिकता के लिए अप्लाई किया था। इतने वर्षों के बाद अब वह भारत की नागरिक बन गई हैं और इस बात से वह काफी खुश हैं। खतीजा ने भारत सरकार का शुक्रिया अदा किया है कि उसने उनकी नागरिकता को मंजूरी दी। खतीजा को देश की नागरिकता ऐसे समय में मिली है जब देशभर में नए नागरिकता कानून, सीएए को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है।
मुसलमानों को भी मिलेगी नागरिकता
सीएए के तहत पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आने वाले हिंदु, सिख, बौद्ध, जैन, क्रिश्चियन और पारसी समुदाय के लोगों को देश की नागरिकता दी जा सकेगी। इन लोगों को साबित करना होगा कि उनके देश में धर्म की वजह से उन्हें उत्पीड़न झेलने को मजबूर होना पड़ा था। प्रदर्शनों के बीच ही सरकार ने कहा है कि तीनों पड़ोसी देशों में रहने वाले मुसलमान भी नागरिकता कानून के तहत भारत के नागरिक बन सकते हैं। पाकिस्तान के मशहूर सिंगर अदनान सामी को भी नागरिकता कानून के तहत साल 2015 में भारत सरकार ने देश की नागरिकता दी थी।
पाक सिंगर अदनान भी भारत के नागरिक
अदनान सामी को एक जनवरी 2016 को भारत की नागरिकता दी गई थी। सामी, साल 2011 से देश में रह रहे थे। उन्होंने गृह मंत्रालय में एक फॉर्म भरा था और 13,700 रुपए अदा किए थे। एक सीनियर ऑफिसर की तरफ से इस बात की जानकारी दी गई। सामी को भारतीय नागरिकता कानून 1955 के सेक्शन (I) के तहत नागरिकता मिली थी। यह सेक्शन देशीयकरण के तहत नागरिकता को परिभाषित करता है।