हाफिज सईद पर लगी पाबंदी को पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने हटाया
नई दिल्ली। मुंबई हमलों का मास्टरमाइंड और दुनिया का खौफनाक आतंकी हाफिज सईद एक बार फिर से अपने आतंकी संगठन का काम शुरू करेगा। पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने हाफिज सईद को जमात उद दावा और उसके फलाही इंसानियत फाउंडेशन को फिर से देश में अपने सामाजिक काम को शुरू करने की इजाजत दे दी है। सुप्रीम कोर्ट के दो जजों की बेंच ने यह फैसला दिया है, जिसमे जस्टिस मंजूर अहमद और जस्टिस सरदार तारिक मसूद शामिल थे।
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की अपील
पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने पाक सरकार की उस अपील को खारिज कर दिया है जिसमे जमात उद दावा पर पाबंदी को बरकरार रखने की अपील की गई थी। पाक सरकार की ओर से अपील की गई थी कि जमात उद दावा की गतिविधियों पर पाबंदी लगी रहनी चाहिए, लेकिन कोर्ट ने ऐसा करने से इनकार कर दिया। आपको बता दें कि हाफिज सईद पर मुंबई में 26/11 के हमले कराने का आरोप है। भारत सरकार लगातार पाकिस्तान से हाफिज के खिलाफ कार्रवाई की मांग करती चली आ रही है, लेकिन पाक हर बार सबूत देने की बात कहकर इसे डाल देता है।
अल्लाह का शुक्रिया
आपको बता दें कि हाफिज सईद का पाकिस्तान में काफी बड़ा नेटवर्क है, वह यहां 300 मदरसे और स्कूल, अस्पताल, पब्लिशिंग हाउस और एंबुलेंस से्वा को चलाता है। हाफिज की संस्था में तकरीबन 50000 स्वयंसेवक है और सैकड़ों वेतनभोगी कार्यकर्ता। गौरतलब है कि इससे पहले हाफिज सईद पर पाकिस्तान की सरकार ने पाबंदी लगा दी थी और उसकी किसी भी संस्था को चंदा देने पर भी पाबंदी लगा दी थी। हाफिज सईद की कई संस्थाओं यूएन सेक्युरिटी काउंसिल ने भी पाबंदी लगा रखी है। कोर्ट के फैसले के बाद हाफिज सईद ने कहा कि हम अल्लाह के शुक्रगुजार हैं, जिसने जमात उद दावा को जीत दी, जोकि लगातार मानव सेवा में जुटी हुई है।
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इन आतंकी गुटों पर है पाबंदी
सेक्युरिटी काउंसिल की लिस्ट में कई आतंकी संगठनों के नाम शामिल हैं, जिनपर पाबंदी है। इनमे मुख्य रूप से अल कायदा, तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान, लश्कर ए जांघवी, जमात उत दावा, लश्कर ए तैयबा, एफआईएफ समेत कई अन्य आतंकी गुट है, जिनपर पाबंदी लगाई गई है।
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