मानवाधिकार परिषद की सदस्यता का दुरुपयोग कर रहा है पाकिस्तान: भारत
जिनेवा। जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 43वें सत्र में पाकिस्तान द्वारा कश्मीर का मुद्दा उठाने पर राइट टू रिप्लाई का इस्तेमाल करते हुए भारत के स्थायी मिशन के प्रथम सचिव वी. आर्यन ने इस्लामाबाद को राइट्स फोरम का दुरुपयोग करने पर लताड़ा। वी. आर्यन ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन पाकिस्तान जैसे देश से अप्रत्याशित नहीं है। वह अगस्त काउंसिल में अपनी सदस्यता का अवैध, अनैतिक और अमानवीय इस्तेमाल अपने क्षेत्रीय उद्देश्यों को पूरा करने के लिए कर रहा है।
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उन्होंने कहा कि, हम पाकिस्तान में नाबालिगों पर अत्याचार, धार्मिक अल्पसंख्यकों पर अत्याचार, छेड़छाड़ के मामले देख रहे हैं। सिंध में हिंदुओं की शव यात्रा और पंजाब में चर्चों पर हमला पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के हालात बयान करते हैं। पाकिस्तान को भारत से सीखने की जरूरत है कि अपने अल्पसंख्यकों के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए। साथ ही उन्हें हमारे साथ एक अच्छे पड़ोसी की तरह पेश आना चाहिए, ताकी दक्षिण-एशियाई क्षेत्र को शाश्वत शांति मिले, शांति, अशांति के लिए आगे पाकिस्तान ही जिम्मेदार होगा।
वी आर्यन ने कहा कि, वैश्विक आतंकवाद का केंद्र (पाकिस्तान) लोकतांत्रिक जम्मू और कश्मीर को लगातार अशांत करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने कहा कि, वीडीपीए स्पष्ट रूप से बताता है कि सदस्य राज्यों की क्षेत्रीय अखंडता और राजनीतिक एकता के लिए हानिकारक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए आत्मनिर्णय के सिद्धांत का उपयोग नहीं किया जाना चाहिए। यह संयुक्त राष्ट्र के चार्टर का उल्लंघन है।
उन्होंने कहा कि, पाकिस्तान में मानवता के खिलाफ होने वाले अपराधों पर परिषद का ध्यान आकर्षित करते हुए भारत ने कहा कि जिस तरह से योजनाबद्ध और संस्थागत तौर पर ईशनिंदा को हथियार बनाकर पाकिस्तान अपने यहां अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव कर रहा है वो देखने वाली बात है। यही नहीं अल्पसंख्यकों को जिस तरह से डराया गया है उसे पूरी दुनिया ने देखा है।
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