ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने कहा- गंजाम और धारावी ने कोरोना को ऐसे किया कैद, सीखे दुनिया
नई दिल्ली। कोरोना का संक्रमण पूरी दुनिया में तेजी से फैल रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की तरफ से भी कोई पुख्ता जानकारी नहीं दी गई है कि कोरोना का संक्रमण कैसे और कबतक समाप्त होगा। लेकिन ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी का मानना है कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए छोटे-छोटे इलाकों पर ध्यान देना होगा। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी 310 शहरों पर रिसर्च के बाद इस परिणाम पर पहुंचा है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी का कहना है कि ओडिशा के गंजाम और महाराष्ट्र के धारावी से यह सीखा जा सकता है। यूनिवर्सिटी ने कहा कि यहां एक समय में हजारों कोरोना मरीज हुआ करते थे लेकिन अब सिर्फ 200 से भी कम मरीज हैं। अब डब्लूएचओ ने भी कोरोना से रोकने के लिए धारावी मॉडल की तारीफ की है।
रिसर्च में क्या पाया ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने
यूनिवर्सिटी की टीम ने रिसर्च में पाया कि वो इलाके जो छोटे हैं पर वहां आबादी ज्यादा है, वहां कोरोना के संक्रमण तेजी से फैल रहे हैं। इतना ही नहीं शोध में ये भी कहा गया है कि गांवों की तुलना में शहरों में संक्रमण की रफ्तार तेजी से बढ़र है। उनके मुताबिक, अगर छोटे पॉकेट में ही मार्क कर संक्रमण रोक लिया जाए तो महामारी को फैलने से रोका जा सकता है।
कोरोना महामारी विशेषज्ञ डॉक्टर क्रैमर का कहना है कि हमने देखा है कि मैड्रिड और लंदन जैसे शहरों पर इस जानलेवा वायरस की मार ज्यादा क्यों पड़ी। ऐसा इसलिए क्योंकि ये ज्यादा सघन और अधिक आबादी वाले इलाके थे और यहां शुरूआती फेज में ही ध्यान नहीं दिया गया। छोटे-छोटे ग्रुप से संक्रमण का फैलाव बढ़ता गया।
ऐसा सफल हुआ गंजाम और धारावी मॉडल
गंजाम में कोरोना संक्रमण रोकने के लिए सरपंच को शक्तियां दी गईं। सरपंच की देखरेख में हर गांव में कोरोना मैनेजमेंट टीम बनी जो घर-घर जाकर लोगों की स्क्रिनिंग करता था। स्वयंसेवकों की टीम हर इलाके में जाकर मनमानी करने वालों पर नजर रखते थे। हर 5 गांवों के बीच एक एंबुलेंस रखी गई। जिसे हल्का भी बुखार हुआ या कोई भी लक्षण दिखा उसे फौरन अस्पताल शिफ्ट किया गया। वहीं गांव के बीच में छोटे-छोटे अस्पताल बनाए गए और बड़ी संख्या में मोबाइल टॉयलेट बनाए गए ताकि शौच के लिए एक ही शौचालय में सैकड़ों लोगों को न जाना पड़े।
आपको बता दें कि ऐसा ही कुछ धारावी में किया गया। धारावी दुनिया का सबसे बड़ा स्लम एरिया है। 1 अप्रैल को यहां पहला केस आया था। देखते देखते संख्या 3200 के पास चली गई। लेकिन सर्तकता और कोरोना मैनेजमेंट को फॉलो कर 85 पर्सेंट मरीज ठीक हुए। अब यहां सिर्फ 192 संक्रमित हैं।
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