'मुस्लिमों को भारत में रहने की इजाजत देने वाले आप कौन ?' RSS प्रमुख मोहन भागवत पर भड़के ओवैसी
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के मुसलमान वाले बयान पर जोरदार पलटवार किया है। उन्होंने कहा है कि वे कौन होते हैं, मुसलमानों को भारत में रहने की अनुमति देने वाले ?
संघ प्रमुख मोहन भागवत के मुसलमानों को लेकर दिए गए बयान पर असदुद्दीन ओवैसी तिलमिला गए हैं। उन्होंने ट्विटर के जरिए आरएसएस चीफ के बयान पर भड़ास निकाली है। उन्होंने कहा है कि अगर मुसलमान भारत में रह रहा है तो यह अल्लाह की मर्जी है, भागवत इसकी इजाजत देने वाले कौन हैं। उधर इस मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने भी ट्विटर के माध्यम से ही एंट्री मारी है और कहा है कि 'इंसान को इंसान' ही रहना चाहिए। गौरतलब है संघ प्रमुख ने इसके मुखपत्रों को दिए इंटरव्यू में मुसलमानों को लेकर अपनी राय रखी है, जो अब सियासी विवाद की वजह बन गया है।
Recommended Video
संघ प्रमुख के बयान पर भड़के ओवैसी
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत की ओर से मुसलमानों को लेकर दिए गए बयान पर एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी भड़क गए हैं। उन्होंने कहा है कि मुसलमानों को भारत में रहने या अपना धर्म मानने की अनुमति देने वाले भागवत कौन होते हैं। दरअसल, आरएसएस चीफ ने मंगलवार को कहा था कि मुसलमानों को भारत में डरने की आवश्यकता नहीं है। अलबत्ता उन्हें अपनी श्रेष्ठता को लेकर बड़बोलेपन का जरूर त्याग करना चाहिए। लेकिन, उनकी यही बातें हैदराबाद के सांसद को नागवार गुजरी है, जिन्होंने कहा है कि अल्लाह ने चाहा है इसलिए वे भारतीय हैं।
'मुस्लिमों को भारत में रहने की इजाजत देने वाले आप कौन ?'
एक के बाद एक कई ट्वीट के जरिए ओवैसी ने भागवत के बयान पर अपनी सियासी भड़ास निकाली है। उन्होंने लिखा है, 'मुसलमानों को भारत में रहने या अपना धर्म मानने की इजाजत देने वाले मोहन कौन हैं? हमारी नागरिका पर शर्तें लगाने की उनकी हिम्मत कैसे हुई ? हम यहां अपने धर्म से समझौता करने के लिए या नागपुर में कथित ब्रह्मचारियों के समूह को खुश करने के लिए नहीं हैं।' यही नहीं न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक,ओवैसी ने संघ प्रमुख पर यह कहकर भी हमला बोला है कि 'आरएसएस चीफ मोहन भागवत कभी भी महंगाई, बेरोजगारी, भारत-चीन और रुपए की कीमत पर नहीं बोलेंगे।'
पीएम अपने देश के मुसलमानों को गले क्यों नहीं लगाते-ओवैसी
एक ट्वीट में वो लिखते हैं, 'बड़ी संख्या में तो हिंदू हैं, जो आरएएसएस की सर्वोच्चता वाले भड़काऊ बयानबाजी को महसूस करते है, इसे छोड़ दीजिए कि हर अल्पसंख्यक क्या महसूस करता है। आप विश्व के लिए वसुधैव कुटुंबकम नहीं कह सकते, अगर आप अपने ही देश में विभाजन पैदा करने में व्यस्त हैं।' मोहन भागवत पर निशाना साधते हुए ओवैसी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा और कहा कि वे दुनिया भर के मुस्लिम नेताओं से तो गले मिलते हैं, लेकिन अपने देश के एक भी मुसलमान को कभी गले नहीं लगाते। उन्होंने लिखा 'पीएम दूसरे देशों के सभी मुस्लिम नेताओं से क्यों गले मिलते हैं, लेकिन कभी भी अपने देश के एक भी मुसलमान को गले नहीं लगाते? '
'मुसलमान सर्वोच्चता जैसे बड़बोलेपन वाली बयानबाजी छोड़ दें'
दरअसल, भागवत ने ऑर्गेनाइजर और पांचजन्य को दिए एक इंटरव्यू में कहा है कि 'यह सरल सच्चाई है कि हिंदुस्तान को हिंदुस्तान ही रहना चाहिए। आज भारत में रहने में मुसलमानों को कोई नुकसान नहीं है....इस्लाम के लिए डरने की कोई बात नहीं है।' इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि 'मुसलमान सर्वोच्चता जैसे बड़बोलेपन वाली बयानबाजी छोड़ दें।' उन्होंने कहा था, 'हम महान नस्ल के हैं.....हमने एक समय इस भूमि पर शासन किया था और फिर से करेंगे....सिर्फ हमारा धर्म सही है, बाकी सब गलत हैं....हम अलग हैं....इसलिए हम ऐसा करते रहेंगे....हम साथ नहीं रह सकते....वे (मुसलमान ) यह नरेटिव निश्चित तौर पर छोड़ दें...सच तो यह है कि यहां रहने वाले सभी लोग, चाहे हिंदू हों या एक कम्युनिस्ट, वे यह लॉजिक छोड़ दें। '
|
'इंसान को भी इंसान ही रहना चाहिए'
उधर समाजवादी पार्टी के समर्थन से राज्यसभा सांसद बने पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने भी इस मामले में ट्विटर के जरिए एंट्री मारी है। उन्होंने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट पर लिखा है, 'भागवत: हिंदुस्तान को हिंदुस्तान ही रहना चाहिए........सहमत। लेकिन, इंसान को भी इंसान ही रहना चाहिए। '