Opinion: तेलंगाना में संवर रहे हैं सरकारी स्कूल, महत्वाकांक्षी योजना की ग्रैंड ओपनिंग के लिए उत्सव का माहौल
तेलंगाना में सरकारी स्कूलों के अत्याधुनिकीकरण की योजना 'माना ऊरु माना बाड़ी', 'माना बस्ती-माना बाड़ी' के पहले चरण की आज लॉन्चिंग हो रही है। इस अवसर पर राज्य में उत्सव का माहौल है।
'माना ऊरु माना बाड़ी', 'माना बस्ती-माना बाड़ी' तेलंगाना सरकार की बहुत ही प्रतिष्ठित और महत्वाकांक्षी योजना है। तेलंगाना की के चंद्रशेखर राव सरकार ने यह योजना राज्य के सभी सरकारी स्कूलों के विकास के लिए शुरू की है। इसके माध्यम से प्रदेश के 26,065 सरकारी और स्थानीय निकायों के स्कूलों का कायाकल्प हो रहा है। इस योजना के तहत राज्य के सरकारी स्कूलों में भी 12 तरह की सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही हैं। इसके लिए मुख्यमंत्री केसीआर की सरकार ने 7,289 करोड़ रुपए का बजट मंजूर किया है। इसके पहले इंस्टॉलमेंट के तौर पर 3,497.62 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रावधान रखा गया है। आज पूरे तेलंगाना में 'माना ऊरु माना बाड़ी', 'माना बस्ती-माना बाड़ी' के पहले चरण की लॉन्चिंग के लिए उत्सव के माहौल है।
तेलंगाना
के
लगभग
20
लाख
बच्चों
का
भविष्य
उज्ज्वल
मुख्यमंत्री
केसीआर
के
कार्यकाल
में
तेलंगाना
के
सरकारी
स्कूलों
का
स्वरूप
ही
बदल
रहा
है।
वह
चाहते
हैं
कि
छात्रों
की
शिक्षा
बेहतर
से
बेहतर
सुविधाओं
के
साथ
जारी
रहनी
चाहिए।
इसी
अवधारणा
को
ध्यान
में
रखते
हुए
'माना
ऊरु
माना
बाड़ी',
'माना
बस्ती-माना
बाड़ी'
योजना
बनाई
गई
है,
जिसके
तहत
सरकारी
स्कूलों
में
12
तरह
की
नई
सुविधाएं
उपलब्ध
करवाई
जा
रही
हैं।
इस
योजना
का
मूल
उद्देश्य
राज्य
के
26,065
सरकारी
और
स्थानीय
निकायों
के
स्कूलों
के
19,84,167
छात्र-छात्राओं
को
बढ़िया
से
बढ़िया
व्यवस्था
और
सुविधाएं
देना
है,
ताकि
शिक्षा
की
गुणवत्ता
में
और
भी
सुधार
हो
सके।
इसके
साथ
ही
छात्रों
की
उपस्थिति
बढ़ाने,
डिजिटल
एजुकेशन
सिस्टम
जैसे
उपायों
को
भी
चरणबद्ध
तरीके
से
लागू
किया
जा
रहा
है।
इस
तरह
से
ये
सारे
फैसले
छात्रों
की
क्षमता
को
बढ़ाने
के
काम
आने
लगा
है।
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तीन
चरणों
में
लागू
हो
रही
है
यह
योजना
तेलंगाना
सरकार
ने
प्रदेश
के
सरकारी
स्कूलों
का
बुनियादी
तौर
पर
कायाकल्प
करने
के
लिए
तीन
साल
का
समय
निर्धारित
किया
है।
इसको
देखते
हुए
7,289
करोड़
रुपए
का
बजट
अनुमान
निर्धारित
है।
सीएम
केसीआर
ने
स्कूलों
के
विकास
पर
सुझाव
देने
के
लिए
पहले
मंत्रियों
की
एक
समिति
नियुक्त
की
थी।
उन्हीं
की
रिपोर्ट
के
आधार
पर
यह
प्रतिष्ठित
योजना
शुरू
की
गई
है।
राज्य
सरकार
ने
प्रदेश
के
26,065
सरकारी
स्कूलों
मे
यह
योजना
तीन
चरणों
में
लागू
करने
का
फैसला
किया
है।
जिसके
पहले
चरण
की
आज
लॉन्चिंग
हो
रही
है।
मुख्यमंत्री
के
चंद्रशेखर
राव
इस
योजना
को
बहुत
ही
ज्यादा
अहमियत
दे
रहे
हैं।
यह
इसी
से
पता
चलता
है
कि
एमएलए
और
एमएलसी
के
निर्वाचन
क्षेत्र
विकास
निधि
का
40%
फंड
इस
स्कीम
में
खर्च
हो
रहा
है।
यही
नहीं,
पंचायती
राज,
अनुसूचित
जाति
और
अनुसूचित
जनजाति
से
संबंधित
कुछ
योजनाओं
का
फंड
भी
इसके
लिए
आवंटित
किया
जा
रहा
है।
यही
नहीं,
यदि
सरकारी
स्कूलों
के
विकास
के
लिए
कोई
वित्तीय
सहायता
देता
है
तो
1
करोड़
या
ज्यादा
की
रकम
पर
एक
स्कूल
का
नाम
दानदाता
के
सुझाव
पर
रखा
जाना
है;
और
अगर
यह
वित्तीय
सहायता
10
लाख
रुपए
या
इससे
अधिक
होती
है
तो
एक
क्लासरूम
का
नाम
उसके
सुझाए
हुए
नाम
पर
रखा
जाना
है।
आज
योजना
के
पहले
चरण
की
लॉन्चिंग
तेलंगाना
सरकार
की
इस
महत्वाकांक्षी
योजना
के
तहत
पहले
चरण
में
3,497.62
करोड़
रुपए
की
लागत
से
9,123
स्कूलों
के
आधुनिकीकरण
का
काम
पूरा
हुआ
है।
आज
राज्य
में
सरकार
इन्हीं
अत्याधुनिक
स्कूलों
को
उत्सव
के
माहौल
में
लॉन्च
करने
वाली
है।
1200
स्कूलों
का
कार्य
पहले
ही
पूरा
हो
चुका
है।
अगर
एक
ही
चुनाव
क्षेत्र
में
कई
स्कूलों
का
काम
पूरा
हो
जाएगा
तो
उन्हें
अगले
कुछ
दिनों
में
ही
शुरू
किया
जा
सकेगा।
राज्य
सरकार
ने
जिला
मंत्रियों,
सांसदों,
विधायकों,
विधान
पार्षदों
और
जिला
परिषद
के
अध्यक्षों
से
कहा
है
कि
ओपनिंग
सेरेमनी
के
लिए
उत्सव
के
वातावरण
की
तरह
व्यवस्था
की
जाए।
इन
कार्यक्रमों
में
अभिभावक
समितियां,
छात्रों
के
माता-पिता
और
गांवों
के
बुजुर्ग
भी
हिस्सा
ले
रहे
हैं।
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