विपक्ष को एकजुट करने के लिए कांग्रेस ने फिर से की नई शुरुआत
नई दिल्ली। राष्ट्रपति चुनाव में जिस तरह से विपक्ष की एकता कटघरे में खड़ी नजर आई और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को अपना समर्थन देने का ऐलान किया उसके बाद कांग्रेस ने एक बार फिर से विपक्ष को एकजुट करने की नई कोशिश शुरू की है।
नीतीश कुमार के साथ फिर से संबंधों को बेहतर करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी अगले हफ्ते नई कोशिश करेंगी।
राहुल-नीतीश आएंगे करीब!
विपक्ष को एक बार फिर से एकजुट करने के लिए सोनिया गांधी अगले हफ्ते एक लंच का आयोजन कर रही है, जिसमें वह तमाम विपक्षी दलों को इसमें शामिल होने का न्योता देंगी। इस बार सोनिया गांधी ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए तमाम विपक्षी दलों को एक साथ लाने की कोशिश करेंगी, इस बैठक के जरिए वह जदयू को विपक्ष के साथ लाने की कोशिश कर रही हैं। इस लंच में वह राहुल गांधी और नीतीश कुमार के बीच की दूरी को भी कम करने की कोशिश करेंगी, दोनों ही नेताओं के बीच राष्ट्रपति चुनाव को लेकर जिस रह से नीतीश ने अलग रूख दिखाया था, उसने दूरी बना दी थी।
सर्वसम्मति बनाने पर जोर
इस बार माना जा रहा है कि सोनिया गांधी उपराष्ट्रपति पद के लिए ऐसे उम्मीदवार को सामने लाना चाहती हैं जिसपर तमाम विपक्षी दल एकजुट हो। अगले महीने उपराष्ट्रपति पद के लिए होने वाले चुनाव को देखते हुए माना जा रहा है कि विपक्षी दल आपसी तकरार को दूर करने की कोशिश करेंगे। बिहार में कांग्रेस, राजद और जदयू के गठबंधन की सरकार चल रही है, एक तरफ जहां लालू राष्ट्रपति चुनाव में कांग्रेस के साथ हैं तो नीतीश की पार्टी राजद भाजपा के साथ है।
जो हुआ उसे भूल जाइए- शरद यादव
जिस तरह से नीतीश कुमार ने राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा का साथ दिया, उसपर कांग्रेस के दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद ने तीखा हमला बोलते हुए कहा था कि नीतीश कुमार के सिद्धांत बदलते रहते हैं, वहीं नीतीश कुमार ने इसपर पलटवार करते हुए कहा था कि कांग्रेस अपनी सुस्ती की वजह से पीछे रह गई और बड़े मौके पर उससे चूक हुई है। वहीं इस पूरे प्रकरण पर जदयू के वरिष्ट नेता शरद यादव ने कहा कि हम विपक्ष की एकता के साथ हैं, हम लंबे समय से विपक्ष के साथ काम कर रहे हैं, यह हम आगे भी जारी रखेंगे। वहीं राष्ट्रपति चुनाव पर नीतीश कुमार के रुख पर उन्होंने कहा कि जो हो गया उसे भूल जाइए और आगे बढ़िए।
हम सब साथ हैं
जदयू के नेता केसी त्यागी ने भी कहा था कि अगर विपक्ष एकजुट होकर किसी ऐसे उम्मीदवार को उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए आगे लेकर आता है जिसपर सभी विपक्षी दल एकमत हों तो पार्टी साथ रहेगी। हालांकि अभी इस बात की पुष्टि नहीं हो सकी है कि नीतीश कुमार सोनिया गांधी की ओर से आयोजित लंच में हिस्सा लेंगे या नहीं, बहरहाल कांग्रेस पूरी कोशिश कर रही है कि वह इस बार सभी विपक्षी दलों को एक साथ ला पाए। कांग्रेस नेता गुलाम नबी ने कहा कि हमें जदयू से कोई दिक्कत नहीं है, वह कांग्रेस, जदयू और आरजेडी के मुख्यमंत्री हैं। आजाद ने कहा कि हम सब संसद के अंदर, संसद के बाहर, विधानसभा के अंदर और विधानसभा के बाहर एक दूसरे के साथ हैं।