भारत-पाकिस्तान के बीच LOC पर शांति समझौते का 100वां दिन: आर्मी चीफ नरवणे आज करेंगे प्रेस-कॉन्फ्रेंस
भारत-पाकिस्तान के बीच LOC पर शांति समझौते का 100वां दिन: आर्मी चीफ ने फार्वर्ड लोकेशन का किया दौर
श्रीनगर, 03 जून: भारत-पाकिस्तान के बीच नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पर शांति समझौते का आज (03 जून) को 100वां दिन है। नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच संघर्ष विराम के 100वें दिन आज सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे आज श्रीनगर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाले हैं। सेना प्रमुख बुधवार (03 जून) को घाटी में हालतों का जायजा लेने और स्थिति की समीक्षा करने के लिए दो दिवसीय दौरे पर जम्मू-कश्मीर पहुंचे थे। सेना प्रमुख नरवणे सीमा पर और घाटी में आतंकवाद विरोधी अभियान की भी समीक्षा करेंगे। भारत और पाकिस्तान के बीच नवीनतम संघर्ष विराम समझौता दोनों सेनाओं के सैन्य अभियानों के महानिदेशकों के बीच बातचीत के बाद फरवरी के अंतिम सप्ताह में शुरू हुआ था।
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प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे
बुधवार (02 जून) को सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे एलओसी की फार्वर्ड लोकेशन का दौरा किया। उसके बाद आर्मी चीफ नरवणे ने राज्य के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात की। रिपोर्ट के मुताबिक गुरुवार को सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सकते हैं।
सेना के अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर में सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने चिनार कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल डी पी पांडे और सेना की उत्तरी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाई के जोशी के साथ आंतरिक इलाकों में भी दौरा किया है। जनरल एम एम नरवणे ने यहां पर तैनान जवानों और स्थानीय कमांडरों से जमीनी हालात के बारे में भी बात की है।
कश्मीर में आतंकवादी अभियान को लेकर आर्मी चीफ ने क्या कहा?
सेना प्रमुख जनरल एम एम नरवणे ने स्थानीय आतंकवादियों के आत्मसमर्पण और घाटी में आतंकी गतिविधियों में शामिल होने से युवाओं को रोकने पर चर्चा की है। जवानों से बात करने के दौरान पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद की दोहरी चुनौतियों से मुकाबला करने के लिए जवानों और कमांडरों की सराहना की है। उन्होंने कहा कि कोरोना काल के दौरान भी जवान जिस तरह से आंतकवादी सफाई अभियान में लगे हैं, वह सराहना करने लायक है। सैनिकों ने जनरल नरवणे को युवाओं को कट्टरपंथी गतिविधियों और आतंकवादी रैंकों पर भर्ती करने के बारे में भी जानकारी दी।
25 फरवरी के बाद से भारत-पाकिस्तान के बीच नहीं हुआ सीजफायर
सेना के सूत्रों ने कहा था कि दो डीजीएमओ ने 23 फरवरी को संघर्ष विराम समझौते पर विस्तार से चर्चा की और उसे अंतिम रूप दिया और उसके एक दिन बाद इसका कार्यान्वयन शुरू हुआ। संघर्ष विराम की घोषणा दोनों सेनाओं (भारत-पाक) ने 25 फरवरी को जारी एक संयुक्त बयान के माध्यम से की थी। इस समझौते के तहत दोनों देशों की सेनाएं एलओसी पर शांति बनाकर रखेंगी।
सूत्रों ने कहा कि पाकिस्तानी सेना, हाल तक, भारत में आतंकवादियों को खदेड़ने में मदद करने के लिए भारतीय चौकियों पर गोलियां चलाती थी, लेकिन फरवरी के अंतिम सप्ताह में संघर्ष विराम लागू होने के बाद से ऐसा नहीं हुआ है।
दोनों देशों ने इससे पहले 2003 में संघर्ष विराम समझौते पर हस्ताक्षर किए थे लेकिन इसका बार-बार उल्लंघन किया गया। भारत और पाकिस्तान ने 2016 में उकसावे के बाद सीमा पर उच्च तनाव देखा है जब उसके आतंकवादियों ने 2019 में पुलवामा हमले के बाद उरी हमले को अंजाम दिया था।