रेलवे के इस नियम से पति-पत्नी में बढ़ सकती दूरी, जानें कैसे और क्या है नियम?
नई दिल्ली। खबर की हेडलाइंन पढ़कर चौंक गए होंगे आप। सोच में पड़ गए होंगे कि आखिर ये कौन सा नियम है जो परिवार में दूरी बढ़ा सकता है। हम आपको बताते हैं कि कैसे आप की छोटी की चूक आपको सफर के दौरान अप ने परिवार से अलग कर सकती है। अब बिना टिकट यात्री को भी ट्रेन में नहीं लगेगा जुर्माना, बस करना होगा ये काम
जानकारी है जरूरी
दरअसल हम रेलवे के टिकट अपग्रेडेशन सिस्टम की बात कर रहे हैं। टिकट अपग्रेडेशन सिस्टम के फेर में पड़कर हो सकता है कि आप एक ही क्रम में कंफर्म टिकट होने के बाद भी अपने परिवार और अपने बच्चों से दूर अलग कोच में सफर करने के मजबूर हो जाएं। हम आप को डरा नहीं रहे है, बल्कि ऐसा कई यात्रियों के साथ हो चुका है। ट्रेन में पुरूष यात्री के साथ अश्लील हरकत, स्पर्म लूटकर ले गए अपराधी, सुनाई आपबीती
टिकट लेते वक्त रखे ध्यान
टिकट लेते वक्त आपके अपग्रेडेशन के लिए विकल्प पूछा जाता है। अगर आपने हामी भरी तो आपको सफर के दौरान अपना कोच बदलना पड़ सता है। इस प्रणाली में यदि एसी कोच में सीटें खाली हैं तो क्रमानुसार स्लीपर कोच के यात्रियों को इसमें बिना कोई अतिरिक्त चार्ज लिए अपग्रेड कर दिया जाता है। बस 1 क्लिक में बुक होगी रेल टिकट, फिर शुरू हुई ई-वॉलेट सर्विस
रेलवे बिना आपकी सहमति के अपग्रेडेशन नहीं करती। अगर आप हामी भरेंगे तभी ऐसी परिस्थिति का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में ये जरूरी है कि टिकट लेते वक्त आप सोच-समझ कर रेलवे की इस सुविधा का इस्तेमाल करें।
आरामदायक सफर का मजा
सुविधा कहना इसलिए जरुरी है, क्योंकि कई बार इस सिस्टम के जरिए आप कम पैसे में आरामदायक सफर का मजा भी उठाते है। ऐसे में अगर आप अकेले सफर कर रहे हो तो इस प्रणाली का लाभ उठाने में कोताही न बर ते, लेकिन अगर परिवार के साथ चल रहे हैं तो बेहतर होगा कि इस विकल्प का चुनाव न करें।
क्या है ऑटो अपग्रेडेशन स्कीम
दरअसल रेलवे ने स्पीलर क्लास में सफर करने वाले यात्रियों को एसी बोगी में सफर कराने की इच्छा के चलते ऑटो अपग्रेडेशन सुविधा की शुरुआत की। इस सिस्टम में एसी बोगी में सीट खाली रहने पर स्लीपर बोगी के यात्रियों को बिना किसी अतिरिक्त चार्ज के एसी में सफर करने की अनुमति मिल जाती है।