
नूपुर शर्मा की पैगंबर पर टिप्पणी मामले में अल-कायदा भी कूदा, कठघरे में लाने की मांग
नई दिल्ली, 15 अगस्त : अल-कायदा के भारतीय मुखपत्र में लिखा गया है कि पैगंबर पर टिप्पणी के लिए 'नूपुर को न्याय के कटघरे में लाएं।' आतंकी संगठन अल-कायदा ने कहा है कि भारतीय मुसलमानों को कथित ईशनिंदा के लिए नूपुर शर्मा को "न्याय" के कठघरे में लाना चाहिए। अल-कायदा की सक्रियता से पूर्व भाजपा प्रवक्ता नूपुरम की सुरक्षा के बारे में खुफिया एजेंसियों की चिंता बढ़ गई है। नूपुर ने सुप्रीम कोर्ट में पहले ही गंभीर जिहादी खतरों के प्रति चिंता जाहिर कर जान का खतरा बताया है। बता दें कि पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ उनकी विवादास्पद टिप्पणियों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।
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अल-कायदा का आह्वान
अल-कायदा भारतीय उपमहाद्वीप में नवा-ए-घावा-ए-हिंद (Nawa-e-Ghawa-e-Hind) टाइटल से मुखपत्र चलाता है। इसके अंक में नूपुर शर्मा द्वारा की गई कथित "ईशनिंदा" का विवरण दिया गया है। अपने नवीनतम अंक में अल-कायदा ने नूपुर से बदला लेने का आह्वान किया है। इसे मुसलमानों से खुद को हथियारबंद करने की अपील के रूप में भी देखा जा रहा है। अल-कायदा ने आह्वान किया है कि एक "रक्षात्मक जिहाद" के लिए दुश्मन और कश्मीर में "निकटतम जिहाद" में भाग लें।
खुफिया एजेंसियों की चिंता बढ़ी
गौरतलब है कि दशकों पहले कथित ईशनिंदा के लिए अमेरिका में लेखक सलमान रुश्दी पर हाल ही में जानलेवा हमला हुआ है। सलमान पर अटैक के बाद नूपुर के संदर्भ में अल-कायदा की बातों के मद्देनजर खुफिया एजेंसियां नूपुर शर्मा की सुरक्षा के लिए विशेष रूप से चिंतित हैं।
नूपुर की टिप्पणियों का बदला लेने की धमकी
बता दें कि इससे पहले, भारतीय उपमहाद्वीप में अल-कायदा (AQIS) ने जून में भी अपने मुखपत्र के माध्यम से एक बयान जारी किया था। AQIS ने नूपुर की टिप्पणियों का बदला लेने की धमकी दी थी। AQIS ने दावा किया था कि वे दिल्ली, गुजरात, उत्तर प्रदेश और मुंबई में लोग खुद को उड़ाने के लिए तैयार हैं। AQIS ने कहा था, "अगर हम पैगंबर के सम्मान की रक्षा नहीं करते हैं तो हम नष्ट हो जाएंगे।" वीडियो मैसेज में AQIS प्रमुख असीम उमर ने एक सवाल पोस्ट किया था। ये उत्तर प्रदेश के संभल से संबंधित था। उन्होंने कहा था, क्या कोई है जो पैगंबर के सम्मान के लिए अपने जीवन का बलिदान करेगा ?
खतरों के कारण नूपुर की सुरक्षा बढ़ी
नूपुर के मामले में जिस तरह नवा-ए-गज़वा-ए-हिंद (Nawa-e-Ghazwa-e-Hind) उत्तेजना और उकसाने के प्रयास कर रहा है, इसे राजस्थान के उदयपुर में दर्जी कन्हैया लाल और अमरावती में फार्मासिस्ट उमेश कोल्हे की हत्या से भी जोड़ा जा रहा है। बता दें कि ऐसे कई उदाहरण हैं जिसमें पूर्व भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा का समर्थन करने के कारण कई लोगों को निशाना बनाया गया है। कई अन्य लोगों को माफी भी मांगनी पड़ी है। फिलहाल, नूपुर शर्मा एक अज्ञात जगह पर रह रही हैं। नूपुर पुलिस सुरक्षा में रह रही हैं। अधिकारियों ने हाल ही में बढ़ते खतरों को देखते हुए उसकी सुरक्षा बढ़ाई है।
नूपुर पर सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणी
बता दें कि उदयपुर में हुई हिंसा के बाद सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा पर तल्ख टिप्पणी की थी। सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर की दलील खारिज कर खतरे का संज्ञान लेने से इनकार कर दिया था। शीर्ष अदालत ने देश के अलग-अलग राज्यों में नूपुर के खिलाफ दर्ज एफआईआर दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग वाली याचिका को ठुकरा दिया था। हालांकि, हाल ही में पश्चिम बंगाल सरकार के विरोध के बावजूद सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर को गिरफ्तारी से राहत दी है।
मुसलमानों से गुस्सा और गरिमा का सवाल
आतंकी ओसामा बिन लादेन की तस्वीर के साथ AQIS ने कहा था, 'अगर आपकी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता अनियंत्रित है तो उदार हृदय से स्वीकार करने के लिए मानसिक रूप से तैयार रहें कि हम इसे देखते हुए क्या करेंगे ? अयमान अल-जवाहिरी की तस्वीर के साथ एक कैप्शन में मुसलमानों से पूछा गया कि उनका गुस्सा और उनकी गरिमा कहां है ? मुखपत्र के नवीनतम अंक में, अल-कायदा ने इस्लामिक स्टेट को "बहिष्कृत" (ostracised) करार दिया। दोनों संगठनों के बीच भयंकर युद्ध उनके नेता अल-जवाहिरी की मृत्यु के बावजूद खत्म नहीं हुआ थ। लेख में बांग्लादेश और म्यांमार में जिहाद की बात भी की गई है। टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक आश्चर्यजनक रूप से पत्रिका में (मई-जुलाई अंक) अफगानिस्तान में ड्रोन हमले का जिक्र नहीं। पूरी ए़डिशन में अलकायदा नेता अल-जवाहिरी के मारे जाने का कोई उल्लेख नहीं है।
AQIS और भारत
गौरतलब है कि अल-कायदा भारतीय एजेंसियों के लिए एक चिंता का विषय रहा है। पड़ोसी अफगानिस्तान अल-कायदा का गढ़ है। हाल ही में कर्नाटक के हिजाब और पैगंबर विवाद सहित भारत-केंद्रित घटनाओं पर अल-कायदा की सहायक, एक्यूआईएस का रिएक्शन देखा गया है।
अल-कायदा के उत्तराधिकारी
एक्यूआईएस का रिएक्शन देखते हुए भारतीय एजेंसियां अल-जवाहिरी के संभावित उत्तराधिकारियों पर नजर रख रही हैं। नवीनतम वैश्विक निगरानी रिपोर्ट्स के अनुसार, मोहम्मद सलाहलदीन अब्द अल हलीम जिदान उर्फ सैफ-अल अदल (Mohammed Salahaldin Abd El Halim Zidane alias Sayf-Al Adl) फिलहाल ईरान में है। इसे अल-जवाहिरी का संभावित उत्तराधिकारी के रूप में देखा जा रहा है। अन्य तीन संभावित उत्तराधिकारी, - अब्दाल-रहमान अल-मघरेबी और यज़ीद मेब्राक और अल-शबाब के अहमद दिरिया अल-कायदा के इस्लामिक मघरेब (AQIM) में हैं।
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