कोरोना पर अब कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने लिखी पीएम मोदी को चिट्ठी, 6 सुझाव दिए
नई दिल्ली, 9 मई: अब कांग्रेस नेता और राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर सुझाव दिए हैं। इससे पहले कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी ऐसा ही कर चुके हैं और पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी भी इस मसले पर अपनी मंशा जाहिर कर चुकी हैं। खड़गे ने अपनी चिट्ठ में पीएम मोदी को कोरोना की दूसरी लहर से निपटने के लिए 6 सुझाव दिए हैं। उन्होंने अपनी चिट्ठी में कहा है कि कोविड की वजह से 'सामान्य भारतीय अपनी जमीन, जेवर बेचने को मजबूर हुए हैं और अपनों का इलाज करवाने के लिए अपनी जमा-पूंजी खर्च कर रहे हैं।' उन्होंने प्रधानमंत्री से 'सामूहिक और सहमति' वाला दृष्टिकोण अपनाने की बात कहते हुए आरोप लगाया है कि 'लगता है कि (केंद्र ने) अपनी जिम्मेदारियों का पालन नहीं किया है' इसलिए सिविल सोसाइटी और नागरिक समूह 'असाधारण राष्ट्रीय लड़ाई' लड़ रहे हैं।
खड़गे
ने
पीएम
मोदी
को
दिए
6
सुझाव
उन्होंने
केंद्र
सरकार
से
सर्व-दलीय
बैठक
बुलाने
की
मांग
करते
हुए
'महामारी
से
निपटने
के
लिए
एक
समग्र
ब्लूप्रिंट
तैयार
करने'
और
कोविड
वैक्सीन
के
लिए
आवंटित
35,000
करोड़
रुपये
में
से
सभी
भारतीयों
का
टीकाकरण
सुनिश्चित
करने
को
कहा
है।
उन्होंने
केंद्र
से
वैक्सीन
का
उत्पादन
बढ़ाने
के
लिए
'अनिवार्य
लाइसेंसिंग
का
लाभ
उठाने
',
महत्वपूर्ण
मेडिकल
उपकरणों
पर-
मसलन,
वैक्सीन
से
(5
फीसद),
पीपीई
किट
(5
और
12
फीसदी),
एंबुलेंस
(28
फीसदी)
और
ऑक्सीजन
कंसंट्रेटर
से
(12
फीसदी)
टैक्स
हटाने
की
भी
मांग
की
है।
इसके
अलावा
उन्होंने
विदेशों
से
मिली
राहत
सामग्री
के
वितरण
में
भी
तेजी
लाने
और
मनरेगा
के
तहत
बेरोजगार
प्रवासी
मजदूरों
का
न्यूनतम
भुगतान
भी
100
से
200
कार्य
दिवस
के
आधार
पर
करने
की
मांग
की
है।
राहुल
और
ममता
भी
लिख
चुके
हैं
चिट्ठी
गौरतलब
है
कि
खड़गे
से
पहले
कांग्रेस
पार्टी
में
उनके
बॉस
राहुल
गांधी
भी
पीएम
मोदी
को
इसी
तरह
की
चिट्ठी
लिख
चुके
हैं
और
सोनिया
गांधी
एक
बयान
जारी
कर
सरकार
पर
निशाना
साध
चुकी
हैं।
उधर
पश्चिम
बंगाल
की
मुख्यमंत्री
ममता
बनर्जी
भी
प्रधानमंत्री
को
खत
लिखकर
अपने
प्रदेश
में
ऑक्सीजन
संकट
को
लेकर
आगाह
कर
चुकी
हैं
और
मेडिकल
उपकरणों
से
टैक्स
हटाने
की
मांग
कर
चुकी
हैं।
इस
बीच
पीएम
मोदी
ने
कोविड
से
सबसे
बुरी
तरह
प्रभावित
राज्यों
के
नेताओं
से
आज
बात
कर
चुके
हैं,
जिनमें
पंजाब,
बिहार,
कर्नाटक
और
उत्तराखंड
के
नेता
और
मुख्यमंत्री
शामिल
हैं।
केंद्र
ने
लिए
कई
अहम
फैसले
इस
बीच
कोविड
के
खिलाफ
जंग
में
केंद्र
सरकार
ने
कई
अहम
कदम
उठाए
हैं,
जिसमें
बिना
आरटी-पीसीआर
टेस्ट
के
भी
मरीजों
के
अस्पतालों
में
कहीं
पर
भी
दाखिले,
नई
दवा
की
मंजूरी
और
ऑक्सीजन
सप्लाई
का
नेशनल
ऑडिट
करवाना
शामिल
है।
बता
दें
कि
स्वास्थ्य
मंत्रालय
के
मुताबिक
देश
में
कोरोना
के
ऐक्टिव
मामलों
की
संख्या
बढ़कर
37,36,648
हो
चुकी
है।