केन्द्र सरकार का बड़ा फैसला: 'लंगर' पर नहीं लगेगा GST, अब तक लिया टैक्स भी होगा वापस
जालंधर: केन्द्र सरकार ने मुफ़्त लंगर लगाने वाली सभी धार्मिक /चैरिटेबल संस्थाओं पर लगने वाले जी.एस.टी. की वापसी का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। केन्द्र सरकार ने लंगर को जीएसटी के दायरे से बाहर कर दिया है। इसके पहले पंजाब सरकार ने लंगर को जीएसटी से मुक्त किया था। केन्द्र सरकार के इस फैसले से पंजाब के लोगों खासकर सिख संगतों को बड़ी राहत मिली है। केंद्र सरकार का कहना है कि मानवता को मुफ़्त भोजन देने की सेवा करने वालों पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।
केन्द्र सरकार ने अपने फैसले में पिछले एक साल में जीएसटी के तहत वसूले गये टैक्स को वापिस करने की बात भी कही है व इसके लिये 350 करोड़ रूपये का प्रावधान किया गया है जिससे गुरूद्धारों व धार्मिक संस्थानों की ओर से आज तक लंगर के लिये खरीदे गये सामान पर दिये गये टैक्स की वापिसी भी होगी। अब सिर्फ गुरूद्वारे ही नहीं बल्कि मंदिरों, चर्च और मस्जिदों को भी जी.एस. टी. की वापसी की पेशकश की गई है।
केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने अपने फेसबुक पेज पर जानकारी देते हुए लिखा कि भारत सरकार की तरफ से लंगर पर लगाए जीएसटी की तरफ से इकठ्ठा किए गए हर पैसे को वापस किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कई महीनों से लंगर पर जीएसटी लगने के फैसले से उनका दिल काफी दुखी था और एक बोझ महसूस हो रहा था।
जीएसटी को लेकर पिछले अरसे से अकाली दल ने भाजपा के खिलाफ आक्रामक रूख अख्तियार किया था व लगातार लंगर को जीएसटी मुक्त करने की मांग की जा रही थी। लेकिन शाहकोट चुनावों में अकाली दल को मिली हार के बाद अचानक इस फैसले ने इसकी चर्चा शुरू कर दी है कि भाजपा ने अपने खिसकते जनाधार को देखते हुये यह फैसला लिया है।
पंजाब में भाजपा की अकाली दल सहयोगी पार्टी है। हाल ही में शिरोमणि अकाली दल ने लंगर पर लागू जीएसटी नहीं हटाए जाने पर केंद्र सरकार के विरोध में खड़े होने की चेतावनी दी थी व कहा था कि यदि केंद्र सरकार ने शिअद की मांग को दरकिनार किया तो उनकी पार्टी इसका विरोध करेगी। अकाली दल का कहना था कि भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रधान अमित शाह के आश्वासन के बावजूद लंगर पर से जीएसटी को हटाया नहीं गया है। लेकिन अब ताजा फैसले से अकाली दल ने भी राहत की सांस ली है।