7वीं बार बिहार के मुख्यमंत्री बने नीतीश कुमार, राजभवन में ली शपथ
नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया संपन्न हो चुकी है। इस चुनाव में स्पष्ट बहुमत हासिल करने के बाद आज प्रदेश में फिर से एनडीए सरकार का गठन हुआ। साथ ही राजभवन में नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इस दौरान बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, बिहार चुनाव प्रभारी देवेंद्र फडणवीस समेत तमाम वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।
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दरअसल बिहार में बीजेपी ने जेडीयू, HAM और वीआईपी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। जिसमें बीजेपी की सीटें जेडीयू से ज्यादा आईं। इसके बावजूद बीजेपी हाईकमान ने अपना वादा पूरा करते हुए मुख्यमंत्री पद के लिए नीतीश कुमार के नाम पर मुहर लगा दी, क्योंकि चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी और अमित शाह ने हर हाल में नीतीश को सीएम बनाने की बात कही थी। जिसके बाद सोमवार को पटना स्थित राजभवन में राज्यपाल फागू चौहान ने नीतीश कुमार को शपथ दिलाई। नीतीश ने 7वीं बार बिहार की सत्ता अपने हाथ में संभाली है।
नीतीश कुमार के साथ ही बीजेपी के तारकिशोर प्रसाद और रेणु देवी को भी राज्यपाल ने पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। दोनों बिहार के डिप्टी सीएम हो सकते हैं। इस बार बीजेपी हाईकमान ने पूर्व डिप्टी सीएम सुशील मोदी का पत्ता काट दिया है। कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। सुशील मोदी ने नीतीश के शपथ ग्रहण के बाद उन्हें ट्वीट कर बधाई दी है।
बिहार: नीतीश कुमार के साथ इन मंत्रियों ने भी ली शपथ, यहां देखें पूरी लिस्ट
कब-कब
नीतीश
के
हाथ
आई
सत्ता?
नीतीश
कुमार
पहली
बार
3
मार्च
2020
को
बिहार
के
मुख्यमंत्री
बने
थे,
हालांकि
वो
बाद
में
बहुमत
नहीं
साबित
कर
पाए
और
7
दिन
बाद
सरकार
गिर
गई।
इसके
बाद
2005
में
वो
बिहार
के
मुख्यमंत्री
बने।
इस
बार
उन्होंने
कार्यकाल
पूरा
किया।
बाद
में
26
नवंबर
2010
को
तीसरी
बार
उन्होंने
शपथ
ली
और
20
मई
2014
तक
सीएम
रहे।
फिर
जीतन
राम
मांझी
को
सत्ता
सौंप
दी।
इसके
बाद
22
फरवरी
2015
को
नीतीश
फिर
मुख्यमंत्री
बने।
यानी
2010-15
के
बीच
पहले
नीतीश
ने,
फिर
मांझी
और
फिर
नीतीश
ने
शपथ
ली।
बाद
में
2015
में
चुनाव
हुए
और
नीतीश
पांचवी
बार
सीएम
बने।
बाद
में
वो
महागठबंधन
का
साथ
छोड़कर
फिर
से
एनडीए
में
आ
गए
और
छठीं
बार
सीएम
बने।
अब
सोमवार
यानी
16
नवंबर
को
नीतीश
ने
सातवीं
बार
शपथ
ली।