तेजस्वी के जवाब में नीतीश ने क्यों दिया छोटा भाषण, ये रही वजह
जुमे की नमाज के लिए नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा में अपना भाषण सिर्फ 12 मिनट में खत्म कर दिया
पटना। बिहार विधानसभा में मुख्मयंत्री नीतीश कुमार जब विश्वासमत के प्रस्ताव से पहले अपना भाषण देने उठे तो उन्होंने अपने इस भाषण के दौरान तेजस्वी और लालू पर जमकर हमला बोला। लेकिन यहां शायद ही लोगों को पता हो कि नीतीश ने अपने 45 मिनट के भाषण को छोटा करके सिर्फ 12 मिनट में एक खास वजह से खत्म किया था। एक तरफ जहां तेजस्वी ने उनपर जल्दबाजी करने का आरोप लगाया तो खुद तेजस्वी के विधायकों ने नीतीश ने इसकी अपील की थी।
हमें कोई सांप्रदायिकता का पाठ ना पढ़ाए
बिहार विधानसभा में विश्वस मत जीतने के बाद नीतीश ने एक बार फिर से सदन में अपनी मजबूत स्थिति को पेश किया। सदन में भाषण के दौरान सदन में विपक्ष के नवनिर्वाचित नेता तेजस्वी यादव को नीतीश कुमार खूब आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि कोई हमें सांप्रदायिकता का पाठ नहीं पढ़ाए।
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तेजस्वी ने 40 मिनट दिया भाषण
नीतीश कुमार से पहले तेजस्वी यादव ने तकरीबन 40 मिनट तक अपना भाषण दिया। इस दौरान उन्होंने नीतीश कुमार पर कई बड़े आरोप लगाए, यही नहीं बात में तेजस्वी ने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार ने फ्लोर टेस्ट के लिए जल्दबाजी की। दरअसल नीतीश कुमार 45 मिनट तक अपना भाषण देने वाले थे, लेकिन वह अपने मुसलमान विधायकों को ध्यान में रखते हुए घड़ी पर भी नजर बनाए हुए थे।
तेजस्वी के विधायकों ने की थी अपील
दरअसल शुक्रवार को होने वाली जुमे की नमाज के चलते नीतीश कुमार ने अपने भाषण को छोटा किया। सदन में अब्दुल कफूर और अब्ददुल बारी सिद्दिकी जोकि तेजस्वी यादव की पार्टी राजद के विधायक हैं और पूर्व मंत्री भी हैं, उन्होंने नमाज के लिए ब्रेक की गुजारिश की थी, इन विधायकों की अपील को नीतीश कुमार ने तुरंत स्वीकार कर लिया।
बहुत ही कम समय में खत्म किया भाषण
विधानसभा स्पीकर विजय चौधरी ने भरोसा दिलाया था कि नीतीश कुमार के विश्वास मत पर बहस और वोट 12.45 तक हो जाएगा। आखिर में नीतीश कुमार जब बोलने के लिए उठे तो उन्होंने बहुत ही कम समय में अपना भाषण समाप्त किया, उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ जो आरोप लगाए गए हैं वह उसका विस्तार से जवाब दे सकते हैं और एक एक बात का जवाब दे सकते हैं, उनपर कांग्रेस और राजद ने आरोप लगाया है कि मैंने बिहार की जनता के साथ धोखा किया है और सांप्रदायिक ताकतो के साथ मिल गया और मुझपर मुस्लिम विरोधी होने का आरोप लगाया है।
2 साल में खत्म हुआ महागठबंधन
आपको बता दें कि नीतीश कुमार ने दो साल से भी कम समय के भीतर महागठबंधन को खत्म करते हुए भाजपा का दामन थाम लिया है और भाजपा के साथ मिलकर बिहार में एक नई सरकार बनाई है। तेजस्वी यादव पर भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते नीतीश कुमार ने इस गठबंधन को खत्म कर लिया और उन्होंने साफ किया कि वह अपने उसूलों से समझौता नहीं कर सकते हैं।