NITI Aayog Meet: CM केजरीवाल बोले- मैन्युफैक्चरिंग पर ध्यान दिया तो चीन को भी पीछे छोड़ देंगे हम
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज (20 फरवरी) नीति आयोग की छठी गवर्निंग काउंसिल के बैठक की गई। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई इस मीटिंग में अलग-अलग राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने पीएम मोदी को सुना और अपने सुझाव दिए। इस दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मैन्युफैक्चरिंग पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में हम चीन को भी पीछे छोड़ सकते हैं, हमें इस दिशा में युद्ध स्तर पर काम करने की जरूरत है।

मुख्यमंत्रियों से बात करते हुए नीति आयोगी की मीटिंग में पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना वायरस संकट के दौरान हमने देखा कि राज्यों और केंद्र सरकार ने मिलकर काम किया। जिसके परिणाम स्वरूप देश में कोविड-19 के खिलाफ जंग में हमारी जीत हुई। हमने दुनियाभर में अच्छी छवि का निर्माण किया है। बैठक में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, 'हमारे बाजारों में जिस तरह चीन के प्रोडक्ट्स भारत के प्रोडक्ट्स को रिप्लेस करते जा रहे हैं, केंद्र सरकार और सभी राज्य सरकारें मिलकर देशभर में विनिर्माण हब बनाए।'
We didn't focus on manufacturing in last 70 years. Our country is lagging behind in manufacturing. The way Chinese products are replacing India products, it is necessary that we aggressively pursue manufacturing: Delhi CM Arvind Kejriwal at Governing Council meeting of NITI Aayog pic.twitter.com/si8rAmIffr
— ANI (@ANI) February 20, 2021
सीएम केजरीवाल ने आगे कहा, 'आज देश का युवा नए उद्योग शुरू करने के लिए तत्पर है। स्टार्टअप को बहुत बड़े स्तर पर बढ़ाने की जरूरत है। इससे नए रोज़गार बहुत बड़े स्तर पर पैदा किए जा सकते हैं। हमने पिछले 70 वर्षों में विनिर्माण पर ध्यान केंद्रित नहीं किया। हमारा देश मैन्युफैक्चरिंग में पिछड़ रहा है। जिस तरह से चीनी उत्पाद भारत के उत्पादों की जगह ले रहे हैं, यह आवश्यक है कि हम आक्रामक रूप से विनिर्माण को आगे बढ़ाएं।'
केजरीवाल आगे कहते हैं, 'अगर राज्य और केंद्र सरकार विनिर्माण केंद्रों को स्थापित करें, साथ ही निर्माताओं और विशेष रूप से मध्यम और छोटे उद्योगों को सभी आवश्यक सुविधाएं और टैक्स में छूट दें ताकि वे चीन की तुलना में उत्पादों को सस्ता कर सकें, तो इससे नौकरियां पैदा होंगी और हम विनिर्माण क्षेत्र में चीन को पीछे छोड़ सकते हैं। हमें आक्रामक रूप से स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने की जरूरत है। यह देश में बड़ी संख्या में नौकरियों का सृजन करेगा।'