चुनाव में सेना के इस्तेमाल पर सैन्य अधिकारियों की राष्ट्रपति को चिट्ठी पर सीतारमण ने दिया ये जवाब
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव प्रचार करने के लिए सेना का इस्तेमाल करने से नाराज सैन्य अधिकारियों के कथित तौर पर राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखने की खबरों को रक्षामंत्री ने फर्जी करार दिया है। शुक्रवार को रक्षामंत्री निर्मलासीतारमण ने कहा कि दो लोगों ने खुद इस बात को कहा है कि उन्होंने ऐसी किसी चिट्ठी पर हस्ताक्षर नहीं किया है। ऐसे में साफ है कि ये लेटर फर्जी है।
रक्षामंत्री ने कहा, यह चिंताजनक और निंदनीय है कि एक फर्जी लेटर पर एक खास समूह के द्वारा हस्ताक्षर किया गया है। राष्ट्रपति भवन ने भी कहा है कि उन्हें ऐसी कोई चिट्ठी नहीं मिली है। ऐसे में इस बात को कोई मतलब नहीं निकलता है।
पूर्व सैनिक बोले राष्ट्रपति को भेजी गई किसी चिट्ठी के बारे में कोई जानकारी नहीं
एक चिट्ठी सामने आई है जिसमें जो, चुनाव प्रचार के दौरान सेना और सैनिकों की वर्दी का इस्तेमाल करने पर 156 सैन्य अधिकारियों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कोलिखी है। चिट्ठी लिखने वालों में आर्मी, नेवी और एयरफोर्स के पूर्व प्रमुख भी शामिल हैं। इस चिट्ठी में नेताओं के सेना को लेकर दिए गए अलग-अलग बयानों का जिक्र किया गया है। पत्र राष्ट्रपति के साथ-साथ चुनाव आयोग को भी भेजा गया है। वहीं राष्ट्रपति भवन ने ऐसी किसी भी चिट्ठी के मिलने से इनकार कर दिया है।
चिट्ठी को लेकर कुछ पूर्व सेना अफसरों का कहना है कि उन्होंने ऐसी किसी भी चिट्ठी पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं, वहीं कुछ अफसर इसे सही करार दे रहे हैं। पूर्व जनरल एसएफ रॉड्रिग्ज ने ऐसी किसी भी चिट्ठी की जानकारी होने से इनकार कर दिया। पूर्व वॉइस चीफ लेफ्टिनेंट जनरल एमएल नायडू ने भी कहा कि उन्होंने ऐसा कोई लेटर नहीं लिखा है। वहीं कुछ पूर्व सेना अधिकारियों ने चिट्ठी की बात कबूली है। जनरल शंकर रॉय चौधरी ने चिट्ठी की बात कबूलते हुए कहा कि सेना की छवि खराब करने की कोशिश हो रही है और सियासी फायदा उठाया जा रहा है। मेजर जनरल हर्षा कक्कड़ ने भी चिट्ठी में साइन की बात कबूली है।
100 से ज्यादा सैनिकों ने लिखी राष्ट्रपति को चिट्ठी, मिलिट्री के नाम पर वोट मांगने पर जताई चिंता