निर्भया के दोषियों के वकील बोले- मीडिया और राजनीतिक दबाव में नहीं हुई निष्पक्ष जांच
नई दिल्ली। दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट से निर्भया गैंगरेप के चारों दोषियों का डेथ वारंट जारी हो गया है। डेथ वारंट जारी होने के बाद दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा है कि वो फैसले पर क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल करेंगे। जिस पर सुप्रीम कोर्ट के पांच सीनियर जज सुनवाई करेंगे। साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि मामले की जांच निष्पक्ष नहीं हुई क्योंकि मामले में बहुत दबाव रहा।
पटियाला हाउस कोर्ट के बाहर दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा कि अगले एक-दो दिन में हम सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन दाखिल कर देंगे। उन्होंने कहा, इस मामले में जांच ठीक से नहीं हो सकी। इस केस की शुरुआत से ही मीडिया, पब्लिक और राजनीतिक दबाव इतना ज्यादा रहा कि निष्पक्ष जांच संभव ही नहीं हो सकी।
दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत ने आज (7 दिसंबर) डेथ वॉरंट जारी कर दिया। दोषियों को 14 दिन बाद, 22 जनवरी को तिहाड़ जेल में फांसी दे दी जाएगी। डेथ वॉरंट के बाद कम से कम 14 दिन का वक्त दिया जाता है, जो दिया गया है। इस समय में जेल प्रशासन अपनी तैयारी पूरी करेगा।
पटियाला हाउस कोर्ट ने वारंट जारी करते हुए कहा कि इस बीच चाहें तो दोषी बचे हुए कानूनी विकल्प का इस्तेमाल कर सकते हैं। निर्भया के दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा कि हम पटियाला हाउस कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव याचिका दाखिल करेंगे।
16 दिसंबर, 2012 की रातअपने दोस्त के साथ बस में चढ़ी 23 साल की पैरामेडिकल छात्रा के साथ छह लोगों ने मिलकर चलती बस में गैंगरेप किया था और लोहे की रॉड से उस पर वार किया था। इसके बाद घायल हालत में उसे सड़क पर फेंककर फरार हो गए थे। पीड़िता ने बाद में इलाज के दौरान अस्पताल में दम तोड़ दिया। मामले के चार दोषी विनय शर्मा, मुकेश सिंह, पवन गुप्ता और अक्षय कुमार सिंह को फांसी की सजा सुनाई गई है। एक अन्य दोषी राम सिंह ने 2015 में तिहाड़ जेल में कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी। एक नाबालिग दोषी को सुधार गृह में तीन साल की सजा काटने के बाद 2015 में रिहा कर दिया गया था।
निर्भया केस में दिल्ली की कोर्ट का बड़ा फैसला, दोषियों को 22 जनवरी सुबह 7 बजे होगी फांसी