निर्भया केसः फांसी रुकवाने के लिए दोषियों के वकील ने कोर्ट में डाली याचिका
नई दिल्ली। निर्भया केस के चार गुनहगारों में शामिल अक्षय ठाकुर की क्यूरेटिव पिटीशन पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई होनी है। उधर दोषियों के वकील एपी सिंह ने गुरुवार को सजा को टालने के लिए पटियाला हाउस कोर्ट का रुख करते हुए याचिका डाली है। जिसमें दोषियों को 1 फरवरी को फांसी ना देने की अपील की गई है। बता दें कि चारों दोषियों को 1 फरवरी को सुबह 6 बजे फांसी होनी है।
दोषियों के वकील एपी सिंह ने 1 फरवरी को होने वाली फांसी की सजा पर रोक लगाने की मांग के लिए दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। वकील एपी सिंह ने दलील में दावा किया कि दिल्ली जेल के नियमों के अनुसार, एक ही क्राइम में शामिल सभी लोगों को तब फांसी नहीं दी जा सकती, जब तक सभी दोषी अपने सभी कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल ना कर ले।
2012 Nirbhaya Case: Lawyer of the convicts, AP Singh moves a plea in Delhi's Patiala House Court seeking a stay on the date of the execution, which is February 1 pic.twitter.com/tw0Dk6CmFl
— ANI (@ANI) January 30, 2020
निर्भया केस के चार गुनहगारों में शामिल अक्षय ठाकुर की क्यूरेटिव पिटीशन पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई होनी है। दोषी ने जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली 5 जजों की बेंच से फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की मांग की है। शीर्ष अदालत ने पिछले साल दिसंबर में उसकी रिव्यू पिटीशन खारिज कर दी थी। दो दोषियों के पास दो-दो विकल्प हैं। ऐसे में 1 फरवरी को फांसी फिर टलने की आशंका है। तिहाड़ जेल प्रशासन आज नए डेथ वॉरंट के लिए ट्रायल कोर्ट में अर्जी दे सकता है।
निर्भया के एक अन्य दोषी मुकेश सिंह के बाद अब एक और दुष्कर्मी विनय शर्मा ने भी राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को दया याचिका भेजी है। विनय की क्यूरेटिव पिटीशन पहले ही खारिज हो चुकी है। इससे पहले मुकेश की दया याचिका राष्ट्रपति ने 17 जनवरी को खारिज कर दी थी। इस फैसले की न्यायिक समीक्षा को लेकर लगाई याचिका सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को खारिज कर दी। अब केवल अक्षय सिंह और पवन गुप्ता के पास क्यूरेटिव पिटीशन और दया याचिका का विकल्प है। डेथ वारंट में दोषियों की फांसी का वक्त 1 फरवरी को सुबह 6 बजे तय किया गया है।
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