टेरर फंडिंग को लेकर NIA-ED की PFI नेताओं के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, 10 प्वॉइंट में जानें अब तक क्या-क्या हुआ
नई दिल्ली, 22 सितंबर। राष्ट्रीय जांच एजेंसी, प्रवर्तन निदेशालय और संबंधित राज्यों के पुलिस बलों ने गुरुवार की सुबह 10 राज्यों में बड़ी कार्रवाई की है। यह कार्रवाई पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के नेताओं के आवासों पर आतंकवादी विरोधी अभियान के तहत की गई है। मामले में करीब 100 से अधिक पीएफआई के नेताओं को गिरफ्तार किया गया है। वहीं, पीएफआई के नेताओं के गिरफ्तारी के बाद कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए हैं। ऐसे में आइए 10 प्वॉइंट में जानते हैं अब तक इस बड़ी कार्रवाई में क्या-क्या हुआ है?
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1. एंजेंसियों और पुलिस बलों की तरफ से छापेमारी मुख्य रूप से दक्षिणी राज्यों - तेलंगाना, केरल और आंध्र प्रदेश में हुई है। इसके अलावा बिहार में भी पीएफआई मामले में कार्रवाई की गई है।
2. न्यूज एजेंसी भाषा की मानें तो छापेमारी कथित रूप से आतंकी फंडिंग, प्रशिक्षण शिविर आयोजित करने और प्रतिबंधित संगठनों में शामिल होने के लिए व लोगों को कट्टरपंथी बनाने में शामिल लोगों के परिसरों पर हुई है।
3. रिपोर्ट्स के मुताबिक पीएफआई के शीर्ष नेताओं को गुरुवार सुबह हिरासत में लिया गया है।
4. पीएफआई ने भी छापेमारी की पुष्टि की है। पीएफआई की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि उसके राष्ट्रीय, राज्य और स्थानीय नेताओं के घरों पर छापेमारी हो रही है। वहीं, राज्य समिति के कार्यालय पर भी छापेमारी की जा रही है।
5. इस छापेमारी को लेकर पीएफआई ने एक बयान जारी कर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। पार्टी की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि केंद्र सरकार की तरफ से असहमति की आवाजों को चुप कराने के लिए एजेंसियों का उपयोग किया जा रहा है और इस तरह की कार्रवाई की जा रही है।
6. पीएफआई नेताओं पर छापेमारी के विरोध में कार्यकर्ता सड़क पर उतर आए हैं।
7. पीएफआई अध्यक्ष ओएमए सलाम के मलप्पुरम स्थित आवास पर भी छापा मारा गया और उन्हें हिरासत में ले लिया गया।
8. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो छापेमारी एक आतंकी फंडिंग मामले के संबंध में है। यह ऐसे समय में आया है जब संगठन की गतिविधियां चल रहे हिजाब विवाद के कारण रडार पर हैं। राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि पीएफआई ने इस मुद्दे पर सोशल मीडिया पर अशांति पैदा की।
9. PFI का दावा है कि अभी तक 22 राज्यों में उसकी यूनिट संचालित हो रही हैं।
10. आपको बता दें कि 1992 में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद तीन मुस्लिम संगठनों के विलय के बाद 2006 में केरल में PFI शुरू किया गया था। इसमें केरल का राष्ट्रीय विकास मोर्चा, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और तमिलनाडु की मनिथा नीति पासारी शामिल है।
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