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सरकार के विकास काम व नेताओं के बयान बताना सच्ची पत्रकारिता- NIA

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नई दिल्ली। देश की प्रतिष्ठित जांच एजेंसी एनआईए ने अब पत्रकारिता की नई परिभाषा भी गढ़ना शुरू कर दिया है। एनआईए का मानना है कि जो पत्रकार सरकारी विभाग द्वारा कराए जा रहे विकास कार्यों की रिपोर्टिंग नहीं करता या फिर स्कूल व अस्पताल के उद्घाटन, सत्ता में बैठी राजनीतिक पार्टी के नेताओं के बयान को कवर नहीं करता वह सच्चा पत्रकार नहीं है। एनआईए ने इन वजहों को पत्रकार कामरान युसुफ के खिलाफ बतौर सबूत दर्ज किया है। जम्मू कश्मीर में पत्थरबाजों के खिलाफ एनआईए ने 18 जनवरी को 12 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दर्ज की है, उसमे युसुफ का भी नाम है जोकि स्वतंत्र पत्रकार है।

क्या है पत्रकारों की मौलिक जिम्मेदारी

क्या है पत्रकारों की मौलिक जिम्मेदारी

एनआईए ने युसुफ को 5 सितंबर को गिरफ्तार किया था और उसपर आरोप लगाया था कि वह पत्थरबाजी में शामिल है। युसुफ की जमानत की याचिका पर गुरुवार को अडिशनल जज तरुन शेहरावत ने सुनवाई की, इस दौरान एनआईए की ओर से तमाम दस्तावेज पेश किए गए, इस मामले की अगली सुनवाई 19 फरवरी को होनी है। एनआईए ने जो चार्जशीट दायर की है उसमे पत्रकारों की मौलिक जिम्मेदारी को बताया गया है। इसमे कहा गया है कि अगर युसुफ सच्चा पत्रकार होता तो वह उसने कम से कम पत्रकार की एक मौलिक जिम्मेदारी को निभाया होता, उसने घाटी में हो रही सही गलत काम की रिपोर्टिंग की होती।

अच्छे कामों को नहीं दिखाया पत्रकार ने

अच्छे कामों को नहीं दिखाया पत्रकार ने

एनआईए ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि युसुफ ने कभी भी विकास के काम को कवर नहीं किया, उसने सरकारी विभाग द्वारा किसी अस्पताल, स्कूल बिल्डिंग, सड़क, ब्रिज के उद्घाटन की रिपोर्टिंग नहीं की, ना ही उसने कभी भी सत्तारूढ़ दल के किसी नेता या भारत सरकार के किसी विकास कार्य की रिपोर्टिंग की। चार्जशीट में कहा है गया है कि सेना के द्वारा किए गए सामाजिक कार्य, जैसे ब्लड डोनेशन कैंप, फ्री मेडिकल चेकअप, कौशल विकास के कार्यक्रम, इफ्तार पार्टी आदि की भी युसुफ ने कभी रिपोर्टिंग नहीं की।

राष्ट्रविरोधी काम करता था

राष्ट्रविरोधी काम करता था

युसुफ के खिलाफ चार्जशीट में एनआईए ने कहा है कि उसने कभी भी इस तरह का वीडियो नहीं लिया जिसमे किसी अच्छे काम को दिखाया गया, वह हमेशा राष्ट्रविरोधी गतिविधियों की ही वीडियो या फोटो लेता था ताकि वह उससे पैसा कमा सके। एनआईए के अनुसार युसुफ पेशेवर पत्रकार नहीं था क्योंकि उसने किसी भी संस्थान से कोई ट्रेनिंग नहीं ली। युसुफ के कैमरे में वीडियो की जांच के बाद एनआईए ने कहा कि ये वीडियो किसी खास मकसद से लिए गए थे, राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को शूट करके इस वीडियो को स्थानीय मीडिया को मुहैया कराया जाता था।

वकील ने रखा पक्ष
जमानत की याचिका की सुनवाई के दौरान युसुफ के वकील वरीसा फरासत ने कोर्ट में कहा कि युसुफ ने उन सभी जिम्मेदारियों को पूरा किया है जिसे एनआईए सच्चे पत्रकार की जिम्मेदारी बता रही है। हमारे पास कई ऐसी तस्वीरें हैं जो यह दिखाती हैं कि उसने इस तरह के काम किए हैं, जिसे एनआईए सच्चे पत्रकार की जिम्मेदारी बता रही है।

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English summary
NIA definations of real Journalism is to report good work of government. It says in chargesheet Real journalism is to report the developmental work of government.
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