एक्शन में मानवाधिकार आयोग, चुनावों में कोरोना के उल्लंघन पर मांगी रिपोर्ट
नई दिल्ली: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने मुख्य चुनाव आयुक्त और केंद्रीय गृह सचिव से कोविड के दिशा-निर्देशों के उल्लंघन पर कार्रवाई की रिपोर्ट (ATR) मांगी है। मानवाधिकार और सुप्रीम कोर्ट के वकील राधाकांत त्रिपाठी की तरफ से दायर याचिका पर कार्रवाई करते हुए शीर्ष मानवाधिकार पैनल (एनएचआरसी) ने दोनों अधिकारियों से चार सप्ताह के भीतर रिपोर्ट मांगी है।
वकील राधाकांत त्रिपाठी ने अपनी याचिका में बताया कि चुनावी रैलियों, विरोध प्रदर्शनों और छोटी से लेकर बड़ी सभाओं तक 'दो गज की दूरी, मास्क है जरूरी' के नारे को फेल कर दिया है और ये आयोजन ही देश में लगातार बढ़ रहे कोरोना संक्रमण का जिम्मेदार हैं। त्रिपाठी ने दावा किया कि राजनीतिक और चुनावी प्रक्रिया पर नियंत्रण और नियमन में चुनाव आयोग, भारत सरकार और राज्य सरकारों की कथित निष्क्रियता, लापरवाही और विफलता की वजह से ही कोरोना का खतरा बढ़ रहा है और लोगों को काफी नुकसान हो रहा है।
त्रिपाठी ने कहा कि भारतीय निर्वाचन आयोग (ECI) और राज्य मशीनरी की कथित विफलता के कारण देश में कोरोना संक्रमण बढ़ रहा है। सावधानी के उपाय, ट्रेसिंग-ट्रैकिंग और टीकाकरण बड़े पैमाने पर मतदाताओं और गरीब लोगों के लिए एक मृगतृष्णा की तरह बने हुए हैं। यह भारत में महामारी के दौरान गंभीर मानवाधिकारों का उल्लंघन है। इसके साथ ही उन्होंने एनएचआरसी के हस्तक्षेप की मांग करते हुए कहा कि दुनिया के 41 से अधिक देशों ने अपने चुनाव स्थगित कर दिए हैं। भारत में बिना पॉजिटिव रोगियों के ट्रैकिंग, ट्रेसिंग और टीकाकरण के भारत के चुनाव आयोग, राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को विभिन्न रूपों में सार्वजनिक सभा की अनुमति दे रहे हैं।
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इस दौरान उन्होंने NHRC से युद्ध स्तर पर कार्रवाई करने का अनुरोध किया और भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त, सचिव, गृह मंत्रालय और सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों से याचिका में चर्चा की गई मुद्दों के विस्तृत संकलन के साथ व्यापक रिपोर्ट मांगी।