एनजीटी का बड़ा फैसला, गंगा किनारे को घोषित किया 'नो डेवलपमेंट जोन'
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से गंगा स्वच्छता को लेकर और भी कई अहम आदेश जारी किए हैं।
नई दिल्ली। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने गंगा स्वच्छता को लेकर बड़ा आदेश जारी किया है। एनजीटी के इस आदेश में गंगा किनारे को 'नो डेवलपमेंट जोन' घोषित किया है। एनजीटी ने उत्तराखंड के हरिद्वार से उत्तर प्रदेश के उन्नाव के बीच गंगा किनारे के 100 मीटर दायरे को 'नो डेवलपमेंट जोन' घोषित किया है।
'गंगा किनारे के 100 मीटर दायरे को 'नो डेवलपमेंट जोन' घोषित किया'
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की ओर से गंगा स्वच्छता को लेकर और भी कई अहम आदेश जारी किए हैं। एनजीटी ने गंगा किनारे के 500 मीटर के दायरे में कचरे के निस्तारण पर रोक लगा दी है। एनजीटी ने कहा है कि हरिद्वार से उन्नाव तक के गंगा किनारे पर 500 मीटर के दायरे में कूड़ा नहीं फेंका जाना चाहिए। इसके साथ-साथ एनजीटी ने उत्तराखंड के हरिद्वार से उत्तर प्रदेश के उन्नाव के बीच गंगा किनारे के 100 मीटर दायरे को 'नो डेवलपमेंट जोन' घोषित किया है।
एनजीटी ने आदेश में ये भी कहा है कि नियमों का उल्लंघन करने वालों और कूड़ा फेंकने का दोषी पाए जाने वालों पर 50 हज़ार रुपये तक का जुर्माना भी लगाया जाएगा। इससे पहले उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को गंगा या इसकी सहायक नदियों के घाटों पर धार्मिक गतिविधियों के लिए गाइडलाइंस तैयार करने का निर्देश दिया गया था। एनजीटी ने अपने 543 पेज के फैसले में दिए गए निर्देशों के कार्यान्वयन की देखरेख और इसके बारे में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए एक पर्यवेक्षी समिति का भी गठन किया है।
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