राजस्थान में कांग्रेस की नई मुसीबत, मामले को सुप्रीम कोर्ट ले जाने के विरोध में कुछ नेता!
राजस्थान में डिप्टी सीएम सचिन पायलट की बगावत के बाद कांग्रेस के सामने अब एक और संकट खड़ा हो गया है।
नई दिल्ली। राजस्थान में डिप्टी सीएम सचिन पायलट की बगावत के बाद अशोक गहलोत सरकार के ऊपर लगातार संकट बना हुआ है। बागी विधायकों को भेजे गए अयोग्यता के नोटिस को लेकर कांग्रेस की याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। हालांकि इससे पहले एक बड़ी खबर ये है कि मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले जाने को लेकर कांग्रेस में ही सहमति नहीं है। दरअसल कांग्रेस नेताओं का एक धड़ा चाहता है कि मामले को सुप्रीम कोर्ट से वापस लिया जाए और लड़ाई को राजनीतिक तरीके से ही सड़क पर लड़ा जाए।
फैसला शीर्ष नेतृत्व के ऊपर छोड़ा गया
एनडीटीवी की एक्सक्लूसिव खबर के मुताबिक, इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले जाने को लेकर कांग्रेस के ही कुछ नेता असहमत हैं। इन नेताओं का मानना है कि इस मामले को राजनीतिक तरीके से हैंडल करना चाहिए। वहीं, कांग्रेस के कुछ वरिष्ठ नेता सुप्रीम कोर्ट के जरिए मामले का हल निकालने पर सहमत हैं। अब इस मामले को लेकर अंतिम फैसला शीर्ष नेतृत्व के ऊपर छोड़ दिया गया है। आपको बता दें कि आज ही सुप्रीम कोर्ट में स्पीकर सीपी जोशी की याचिका पर सुनवाई होनी है।
आज होगी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
गौरतलब है कि पिछले हफ्ते जब स्पीकर सीपी जोशी ने पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट सहित कांग्रेस के 19 बागी विधायकों को अयोग्यता का नोटिस भेजा था और इन सभी को हाईकोर्ट से फौरी राहत मिल गई थी, तो कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट से भी कांग्रेस को झटका लगा और हाईकोर्ट ने बागी विधायकों को मिली राहत को आगे बढ़ा दिया। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि स्पीकर फिलहाल बागी विधायकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सकते। अब इस मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी।
विधानसभा सत्र बुलाने पर फिलहाल फैसला नहीं
वहीं सोमवार को राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजस्थान विधानसभा का सत्र बुलाने की मांग से संबंधित सभी फाइलें राज्य सरकार को वापस भेज दीं। इसके अलावा राज्यपाल ने सरकार ने कुछ अन्य जानकारियां भी मांगी हैं। सूत्रों का कहना है कि विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है। गौरतलब है कि विधानसभा सत्र बुलाने की मांग पर राज्यपाल की तरफ से कोई विचार ना किए जाने के बाद शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दोबारा प्रस्ताव भेजकर सत्र बुलाने की मांग की थी।
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