जल्द ही बच्चों को बिना हेलमेट और सुरक्षा कवच के टू व्हीलर पर नहीं बिठा पाएंगे, पूरा ड्राफ्ट देखिए
नई दिल्ली, 27 अक्टूबर: केंद्र सरकार ने टू व्हीलर पर पीछे सवारी करने वाले छोटे बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर एक नया मसौदा नियम तैयार किया है। इस नियम के लागू होने के बाद 9 महीने से लेकर 4 साल तक के बच्चों को मोटर साइकिल जैसे दो पहिया वाहनों पर सवारी करने का नियम सख्त हो जाएगा। इन बच्चों के लिए हेलमेट लगाना भी अनिवार्य होगा और सुरक्षा कवच पहनाना भी जरूरी होगा। सड़क परिवहन और उच्च राजपथ मंत्रालय ने इस मसौदा नियम को हरी झंडी दिखाई है, जिसकी गजट अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। मोटर व्हीकल कानून से संबंधित नियमों में जो बदलाव होना है, उसका पूरा ड्राफ्ट वनइंडिया के पास मौजूद है।
टू व्हीलर पर बच्चों को बिठाने के लिए नियम सख्त होंगे
केंद्रीय सड़क परिवरहन और उच्च राजपथ मंत्रालय ने मोटर साइकिल पर बच्चों के साथ यात्रा करने के लिए सख्त नियम लागू करने की तैयारी शुरू कर दी है। मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि 'मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम 2019 के तहत मोटर वाहन अधिनियम की धारा 129 को संशोधित किया गया है। इस धारा में यह भी प्रावधान है कि केंद्र सरकार नियमों के जरिए मोटर साइकिल पर सवारी करने वाले या ले जाए जा रहे 4 साल से कम उम्र के बच्चों की सुरक्षा के उपाय उपलब्ध करा सकती है।' इसी के तहत मंत्रालय ने 21 अक्टूबर, 2021 को एक मसौदा नियम तैयार किया है।
क्रैश हेलमेट और सेफ्टी हार्नेस लगाना जरूरी
ड्राफ्ट रूल के मुताबिक ड्राइवर को यह सुनिश्चित करना होगा कि पीछे बैठा 9 महीने से 4 साल तक का यात्री निश्चित तौर पर क्रैश हेलमेट या साइकिल हेलमेट पहने हो, जो उसके सिर में फिट बैठता हो। इसके साथ ही यह भारतीय मानक ब्यूरो की ओर से भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम, 2016 के तहत निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन करता हो। किसी भी कीमत पर चार साल तक की उम्र के बच्चों को पिलियन के रूप में ले जाने वाली मोटरसाइकिल की स्पीड 40 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
सेफ्टी हार्नेस (सुरक्षा कवच) क्या है ?
सेफ्टी हार्नेस बच्चों को पहनाया जाने वाला वेस्ट होगा, जो कि एडजस्टेबल होगा। जिससे जुड़ी पट्टियों को ड्राइवर शोल्डर लूप्स की तरह पहनेगा। इसके जरिए बच्चे का ऊपरी धड़ ड्राइवर से जुड़ा होगा, जिससे वह सुरक्षित रहेगा। भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम, 2016 के तहत सेफ्टी हार्नेस बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इन मानदंडों को पूरा करेगा-
1-
वजन
में
हल्का,
एडजस्टेबल,
वाटरप्रूफ
और
टिकाऊ
2-
हेवी
नायलॉन/
उच्च
घनत्व
फोम
के
साथ
मल्टीफिलामेंट
नायलॉन
सामग्री
3-
इस
तरह
की
डिजाइन
की
गई
हो
कि
30
किलो
तक
का
भार
उठा
सके।
(ऊपर
वाली
तस्वीर-
सौजन्य
पीआईबी)
क्रैश हेलमेट के लिए नियम क्या है ?
यह ड्राइवर को सुनिश्चित करना है कि पीछे बैठने वाला 9 महीने से 4 साल तक का यात्री अपना क्रैश हेलमेट जरूर पहना हो। यह (एएसटीएम 1447)/ (यूरोपियन (सीईएन)बीएस ईएन 1080/बीएस ईएन 1078) का अनुपालन करता हो और उसके सिर पर फिट बैठता हो, जब तक कि भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम, 2016 के तहत भारतीय मानक ब्यूरो की ओर से इसका विशेष विवरण जारी नहीं किया जाता। जब पिलियन राइडर 4 साल से कम उम्र का बच्चा होगा तो बाइक की स्पीड 40 किलोमीटर प्रति घंटे से ज्यादा नहीं होगी।
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