New Covid Strain:क्या भारत में भी घुस चुका है UK जैसा नया स्ट्रेन, स्वास्थ्य विशेषज्ञ चिंतित
नई दिल्ली-यूनाइटेड किंगडम (UK) में कोहराम मचाने वाले कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन (New Covid Strain) का भारत में अब तक कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन विशेषज्ञ इस बात की आशंका से इनकार भी नहीं कर रहे हैं कि कहीं यह पहले ही अपने देश में घुस चुका हो। कोविड-19 के इस नए स्ट्रेन को लेकर इसलिए दुनियाभर में हड़कंप मच गई है, क्योंकि इसे पहले वाले कोविड-19 (SARS-CoV-2) से 70% ज्यादा संक्रामक बताया जा रहा है। हालांकि, जिन देशों में अब तक नया वाला वायरस का पता चला है, वहां भी इससे बीमारी की और ज्यादा गंभीर होने या मौत के मामले बढ़ने जैसी बातें सामने नहीं आई हैं।
नए स्ट्रेन का पता लगाने के लिए निगरानी का दायरा बढ़ेगा
कोविड-19 के नए स्ट्रेन (New Covid Strain)का अब तक यूके (UK) के अलावा, दक्षिण अफ्रीका (South Africa), डेनमार्क (Denmark ) और ब्राजील (Brazil) जैसे देशों में भी पता चल चुका है। इसलिए फौरन यह पता लगाना कि यह बदले रूप वाला कोरोना वायरस कहां-कहां तक पहुंच चुका है, वैज्ञानिकों के लिए बड़ा ही मुश्किल साबित हो रहा है। इसलिए भारत ने अब पूरे देश में कोविड-19 के नए वंश का पता लगाने के लिए जीन सिक्वेंसिंग (gene sequencing) के लिए निगरानी का दायरा बढ़ाने का फैसला किया है। मसलन, सीएसआईआर (CSIR) इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटिग्रेटिव बायोलॉजी के डायरेक्टर अनुराग अग्रवाल ने कहा है, 'हम पहले से ही वायरल जीनोम स्तर पर निगरानी का काम कर रहे हैं।............दुनियाभर में जो बातें सामने आई हैं, काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (CSIR) और डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी ऐसी निगरानियों के पैमाने को बढ़ाने की योजना तैयार करेगा ' उन्होंने ईटी के एक ईमेल के जवाब में यह जानकारी दी है। अग्रवाल ने यह भी बताया है कि 'यह प्रक्रिया पहले से ही चल रही है और सिर्फ जरूरत के मुताबिक सिर्फ इसका पैमाना बढ़ाया जाना है।'
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क्या भारत में पहले ही घुस चुका है नया स्ट्रेन ?
जब से यूके में नए स्ट्रेन (new coronavirus strain in uk) की बात सामने आई है और इसकी बहुत ज्यादा संक्रमण करने की क्षमता की भनक लगी है, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय (Union health ministry) भी सतर्क है। जानकारी के मुताबिक यह मंत्रालय इस बात पर बड़ी ही गंभीरता से विचार कर रहा है कि जो भी लोग पिछले दिनों यूके (UK) से भारत आए हैं और पिछले एक महीने के अंदर उनका कोविड-19 टेस्ट पॉजिटिव आया है, उन सबके जीन की सिक्वेंसिंग (sequencing the genes) की जाए। मतलब जाहिर है कि इस बात की चिंता बढ़ गई है कि जिस वायरस को यूके में आज नियंत्रण से बाहर (Out of Control)बताया जा रहा है, वह कहीं पहले से ही भारत में न घुस चुका हो!
यूके वाले नए स्ट्रेन को लेकर बढ़ी है चिंता
गौरतलब है कि यूके सरकार ने घोषणा की है कि कोरोना वायरस का नया प्रकार जिसे B.1.1.7 कहा जा रहा है, वह पिछले स्ट्रेन के मुकाबले 70% अधिक संक्रामक (infectious ) है। इसी के चलते भारत समेत कई देशों ने यूके आने या जाने पर फिलहाल के लिए पाबंदी लगा दी है। सीएसआईआर के अनुराग अग्रवाल के मुताबिक देश में अबतक 4,000 से ज्यादा वायरल सीक्वेंसिंग जमा हुए हैं, लेकिन उनमें यह नया वाला स्ट्रेन नहीं दिखाई पड़ा है। उन्होंने भी इस बात की तस्दीक की है कि कोविड-19 (SARS-CoV-2) के म्युटेशन की संभावना हर समय है। यूके के डाटा से अभी तक यही बात सामने आई है कि नया स्ट्रेन तेजी से फैल रहा है, लेकिन ना तो इसकी वजह से संक्रमण की गंभीरता बढ़ने या मौत के आंकड़े (severity or death) बढ़ने की कोई बात सामने आई है। लेकिन, वह भी मानते हैं कि नए स्ट्रेन को लेकर चिंता है। क्योंकि, भारत में अब कोरोना के मामलों में कमी आने लगी थी। वैसे, उन्होंने ये भी कहा है कि, 'हालांकि,बहुत ज्यादा गंभीर नहीं है। '
म्युटेशन पर निगरानी का दायरा बढ़ाने की आवश्यकता
सीएसआईआर (CSIR) इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटिग्रेटिव बायोलॉजी के प्रिंसिपल साइंटिस्ट विनोद स्कैरिया का कहना है कि यूके में नए म्युटेशन के बारे में इसलिए पता चला, क्योंकि कोरोना वायरस जीनोम की निगरानी का उसका दायरा बहुत ज्यादा बड़ा है। दुनिया में कोई भी देश इतने बड़े पैमाने पर ऐसा नहीं कर सका है। उन्होंने कहा है कि अब देशव्यापी निगरानी की प्रक्रिया अपनाने की जरूरत है ताकि, कोरोना वायरस में हो रहे बदलावों का संकेत मिल सके और उसके मुताबिक सरकार को फैसले लेने में आसानी रहे। उन्होंने कहा कि 'यह करना संभव है।'