भारतीय कार में बैठने से क्यों बिदके नवाज शरीफ?
नई दिल्ली (विवेक शुक्ला)। पाकिस्तान के इन दो चेहरों को देखिए। पहला, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ उस बुलेटप्रूफ कार में नहीं बैठेंगे काठमांडू में सार्क सम्मेलन के दौरान जो भारत ने भेजी है। दूसरा, पाकिस्तान के भारत में उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने आज हैदराबाद में उम्मीद जताई कि दोनों देश बातचीत जारी रखेंगे।
कूटनीतिक मामलों के जानकार डा. अरुण कुमार कहते हैं कि शरीफ ने भारतीय की तरफ से भेजी कार में बैठने से इंकार करके बता दिया कि दोनों देशों के संबंधों में कितनी तल्खियां आ गई हैं। उन्होंने यह भी कहा कि डिप्लोमेसी में छोटी-छोटी बातों का बहुत मतलब होता है,जिसे पाकिस्तान ने नहीं समझा। हां, उनके सफीर की बातचीत को लेकर उम्मीद जताने का कोई मतलब नहीं है।
शरीफ को नामंजूर भारतीय कार
राजधानी के एक अंग्रेजी अखबार ने आज खबर छापी कि यह बुलेटप्रूफ कार भारत ने नवाज शरीफ को अगले हफ्ते यहां होने वाली सार्क समिट में हिस्सा लेने के लिए ऑफर की थी। नेपाली अधिकारियों ने यह जानकारी दी है।
बाकी को भारतीय कार से एतराज नहीं
जानकारी के मुताबिक,नवाज अब अपनी कार से ही समिट में पहुंचेंगे। नेपाली विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि नवाज ने भारत द्वारा ऑफर की हुई बुलेटप्रूफ कार के इस्तेमाल से इनकार कर दिया है, वे अपनी कार से समिट में हिस्सा लेने पहुंचेंगे। हालांकि अधिकारी ने कहा, 'बाकी राष्ट्राध्यक्ष भारत द्वारा मुहैया कराई कारों से ही आएंगे।' सार्क सम्मेलन 26 और 27 नवंबर को काठमांडू में आयोजित हो रहा है, जिसमें अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, श्रीलंका, नेपाल के साथ भारत और पाकिस्तान के राष्ट्रप्रमुख भी हिस्सा लेने पहुंच रहे हैं।
मीडिया रहे सीमाओं में
हालांकि एक राय यह भी है कि मीडिया को इस मसले को उठाने की कोई जरूरत नहीं होनी चाहिए। कारण यह है कि पाकिस्तान को इस बात का धिकार है कि वह भारत की कार का इस्तेमाल अपने प्रधानमंत्री के लिए करे अथवा ना करे।