Ashoka Stambh : नए संसद भवन पर National Emblem के शेर क्या सारनाथ के स्तंभ से अलग हैं ? देखिए दावे
नए संसद भवन पर स्थापित नेशनल एंब्लम में कथित खामियों पर सरकार को कठघरे में खड़ा किया जा रहा है। इसी बीच केंद्रीय मंत्री ने विपक्ष के आरोपों का जवाब दिया है।
नई दिल्ली, 12 जुलाई : नए संसद भवन पर स्थापित नया नेशनल एंब्लम (National Emblem) सुर्खियों में है। पीएम मोदी ने भारत के राष्ट्रीय चिह्न का अनावरण किया। हालांकि, अनावरण के बाद पीएम मोदी को आलोचनाओं का भी सामना करना पड़ा। असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल खड़े किए और कहा कि पीएम ने संवैधानिक मानकों की अनदेखी की। अब केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि भारत का राजचिह्न अशोक स्तंभ का प्रतिरूप बिल्कुल परफेक्ट है। नए अशोक स्तंभ पर बढ़ते विवाद के बीच, केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा है कि विवाद के बीच तथ्यों को सार्वजनिक डोमेन में लाना और विपक्षी दलों द्वारा फैलाई गई अफवाहों को दूर करना जरूरी है।
National Emblem के शेर गुस्से में
विपक्ष के आरोपों का जवाब देने के लिए केंद्रीय मंत्री ने अशोक स्तंभ के प्रतीक पर तथ्य पेश करने का दावा किया है। मंत्री का कहना है कि नए संसद भवन पर स्थापित अशोक स्तंभ का प्रतिरूप एक आदर्श है, इसमें कोई खामी नहीं है। बता दें कि कई नेताओं ने अशोक स्तंभ में बने चार शेरों की तस्वीरें ट्वीट कर कहा है कि ओरिजनल अशोक स्तंभ के 'शांतिपूर्ण शेरों' की जगह 'गुस्से में शेर' वाला नेशनल एंब्लम बनाया गया है।
PM ने राष्ट्रीय महत्व के शो को Personal Show बनाया ?
बता दें कि सोमवार को एक विशेष समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 9,500 किलोग्राम वजनी अशोक स्तंभ का अनावरण किया। विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर राष्ट्रीय प्रतीक के साथ खिलवाड़ करने और राजनीतिक लाभ के लिए इसके मूल ढांचे में बदलाव करने का आरोप लगाया। उन्होंने प्रधानमंत्री पर राष्ट्रीय महत्व के समारोह को 'व्यक्तिगत शो' बनाने का भी आरोप लगाया।
नए अशोक स्तंभ से भारत का प्रतिनिधित्व नहीं
इसी बीच कई नेताओं ने संसद परिसर में अशोक स्तंभ की तस्वीरें ट्वीट कर कहा कि 'शांतिपूर्ण शेरों' को 'क्रोधित शेरों' की प्रतिकृति से बदल दिया गया है। कुछ नेताओं ने कहा कि शेरों के नुकीले दांत 'सच्चे भारत' का प्रतिनिधित्व नहीं करते।
अफवाहों पर केंद्रीय मंत्री का पलटवार
पीएम मोदी जब नेशनल एंब्लम का अनावरण कर रहे थे तब आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी भी मौजूद थे। विपक्षी नेताओं के आरोपों का जवाब देते हुए पुरी ने कहा कि नया राष्ट्रीय प्रतीक सारनाथ की एक सटीक प्रतिकृति है। उन्होंने ट्वीट किया, "मूल सारनाथ प्रतीक 1.6 मीटर ऊंचा है जबकि नई संसद के शीर्ष पर बना प्रतीक 6.5 मीटर ऊंचा है।"
जमीन से 33 मीटर ऊंचा अशोक स्तंभ
नए संसद भवन पर स्थापित नेशनल एंब्लम की प्रतिकृति तैयार करने वाले कलाकारों का कहना है कि सारनाथ के अशोक स्तंभ और संसद भवन के टॉप पर बने अशोक स्तंभ में अंतर का कारण ऊंचाई के कारण हो सकता है।
सारनाथ के प्रतीक से तुलना
केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने ट्वीट किया, 'विशेषज्ञों को यह भी पता होना चाहिए कि सारनाथ में रखा गया मूल चिह्न जमीनी स्तर पर है जबकि नया प्रतीक जमीन से 33 मीटर की ऊंचाई पर है। मंत्री ने आगे कहा कि यदि नीचे सारनाथ के प्रतीक रूप को देखा जाए, तो यह उतना ही शांत या क्रोधित लगेगा जितनी चर्चा की जा रही है।
8 चरणों में बना अशोक स्तंभ, PM ने किया अनावरण
बता दें कि राष्ट्रीय प्रतीक का निर्माण आठ चरणों में हुआ है। इसमें मिट्टी प्रारूप / कंप्यूटर ग्राफिक से लेकर कांस्य ढलाई और पॉलिश करने की गतिविधियां शामिल हैं। 9500 किलोग्राम के अशोक स्तंभ का भार संभालने के लिए लगभग 6500 किलोग्राम वजनी स्टील का स्ट्रक्चर तैयार किया गया है। पीएम मोदी ने उद्घाटन के बाद इसकी वीडियो ट्वीट की। वीडियो एक मिलियन लाख से अधिक बार देखा जा चुका है।
Ashoka Stambh : संजय सिंह से भिड़े कपिल मिश्रा
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने ट्वीट कर राष्ट्रीय चिह्न अशोक स्तंभ से छेड़छाड़ का आरोप लगाया। इसके जवाब में भाजपा नेता कपिल मिश्रा ने उन्हें आड़े हाथों लेते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को भी लपेटे में लिया। मिश्रा ने संजय सिंह से कहा कि भगवंत मान वाली दवाई पीकर ट्वीट मत किया करो।
अशोक स्तंभ पर RJD के आरोप
अशोक स्तंभ की प्रतिकृति पर बिहार की राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने भी आरोप लगाए। राजद का आरोप है कि सारनाथ के मूल अशोक स्तंभ में शेरों के चेहरे पर सौम्य भाव था। सरकार की नीयत पर सवाल खड़े करते हुए राजद ने कहा कि जनता को प्रतीकों से बताया जाता है कि उसकी फितरत क्या है।
TMC सांसद की मांग- फौरन बदलें नया National Emblem
तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने नए संसद भवन पर स्थापित अशोक स्तंभ की प्रतिकृति के संबंध में कहा कि हमारे राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ का अपमान हुआ है। उन्होंने अशोक स्तंभ की दो तस्वीरें शेयर कर लिखा, मूल बाईं ओर है, सुंदर, वास्तविक रूप से आत्मविश्वासी सिंहों वाला। दाईं ओर का अशोक स्तंभ मोदी सरकार वाला संस्करण है, जिसे नए संसद भवन के ऊपर रखा गया है। बकौल जवाहर सरकार, नए नेशनल एंब्लम के शेरों में झुंझलाहट, अनावश्यक आक्रामकता और अनुपातहीनता दिखती है। इसे तुरंत बदला जाना चाहिए।
प्रशांत भूषण की राय, ये है मोदी का नया भारत !
सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण ने कहा, गांधी से गोडसे तक; हमारे राष्ट्रीय प्रतीक के शेर राजसी और शांति से बैठे (majestically & peacefully) हैं; सेंट्रल विस्टा में निर्माणाधीन नए संसद भवन के शीर्ष के लिए अनावरण किए गए नए राष्ट्रीय प्रतीक में शेर गुस्से में नुकीले दांतों वाले हैं। उन्होंने तंज कसा और कहा- ये है मोदी का नया भारत!
National Emblem का हुआ अपमान : जयराम रमेश
कांग्रेस नेता जयराम रमेश का कहना है कि नए National Emblem को जिस तरह तैयार किया गया है इससे अशोक स्तंभ का अपमान हुआ है।
अशोक स्तंभ पर महुआ मोइत्रा का ट्वीट
आम तौर पर मोदी सरकार की मुखर और तीखी आलोचना के लिए सुर्खियों में रहने वालीं तणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा ने इस बार मौन का विकल्प चुना। महुआ ने नए नेशनल एंब्लम की फोटो के साथ भारत के राष्ट्रीय चिह्न की पुरानी फोटो भी ट्वीट की।